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‘सरकारी स्कूल में अच्छी पढ़ाई नहीं होती’

“सरकारी स्कूल में न तो अच्छी पढ़ाई होती है, न अच्छा खाना मिलता है. सबकुछ ऊपर से आता है लेकिन यहां सब लुटा जाता है. ग़रीब के पास कुछ नहीं है. रोड पर निकलता है तो धक्का खाता रहता है.” वाराणसी में रिक्शा और ऑटो चालकों ने राहुल गांधी के सामने अपनी बात रखते हुए अपनी परेशानियां गिनाईं.

उनका कहना था कि खुद का रिक्शा न होने और किराए पर रिक्शा लेने कारण उनकी बचत नहीं हो पाती है. इसके कारण उनके बच्चों की अच्छी पढ़ाई न हो पाती है. रिक्शा चालकों ने यूपी में अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा न मिल पाने की पीड़ा जाहिर की. इसके साथ-साथ उन्होंने कमरे के महंगे किराए और बचत न हो पाने की बात भी कही. राहुल गांधी से बातचीत में रिक्शा चालकों का दर्द सामने आया. उनकी ज़िंदगी में पहला मौका था जब पोस्टर में दिखने वाला कोई नेता उनसे सीधे संवाद कर रहा था. इस संवाद में कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ऑटो और रिक्शा चालकों से उनकी परेशानी, संघर्ष और सफलता की कहानियों को बड़े धैर्य से सुन रहे थे.

आधार कार्ड के बारे में एक रिक्शा चालक ने कहा, “आधारकार्ड मेरी मूल पहचान है.” एक रिक्शा चालक ने स्कूल के बारे में काबिल-ए-ग़ौर बात कही, “मैंने स्कूल से अपने बच्चों का नाम कटवा दिया और घर पर उनको रामचरित मानस पढ़ा रहा हूँ. मुझको लोग आठ तक लगातार पास करते रहे…मैं मूर्ख बना लोगों का चेहरा देखता रहा. जो एक का बोझा नहीं सह पाया, वो दो और तीन का बोझा भला कैसे उठाएगा? ” रिक्शा स्टैंड न होने के कारण रिक्शा चालकों को पुलिस की मार खानी पड़ती है.

एक रिक्शा चालक ने कहा, “मेरा देश गौरवशाली और वैभवशाली है..लेकिन मैं ग़रीब हूँ.” इस दार्शनिक अंदाज में भारत की महानता पर एक तंज़ भी है. यह ग़रीबी को स्वीकार करने वाली मानसिक स्थिति का परिचायक भी है. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में फैले अविश्वास को जिस तरीके से लोगों के सामने रखा है. वह उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार को अपनी नीतियों की समीक्षा करने और प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सामने आना चाहिए.

शिक्षा का अधिकार क़ानून लाने वाली कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए भी एक सीधा सबक है कि सिर्फ़ बिल लाने और अधिकार देने से बात नहीं बनती है. लोगों को उनका मूलभूत अधिकार दिलाने के लिए व्यवस्थागत सुधार के लिए प्रयास करना जरूरी है. लोगों के सवाल व्यवस्था से जुड़ी रोज़मर्रा की समस्याओं को सामने लाते हैं. कांग्रेस के आवास, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा क़ानून और तमाम मूलभूत सुविधाओं के सवाल पूरी गंभीरता के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सामने खड़े थे.

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