जब पूरे स्कूल के बच्चों को मुर्गा बनाया गया…
बच्चों को शारीरिक दण्ड न देने की बात सैद्धांतिक तौर पर तो खूब होती है। मगर स्कूल में बच्चों की पिटाई। उनको मुर्गा बनाना। या हाथ ऊपर करके खड़ा करना आज भी कोई अचंभे वाली बात नहीं है। सरकारी और निजी स्कूलों में इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं।
हाँ, शिक्षा का अधिकार क़ानून आने के बाद से शिक्षकों को थोड़ा डर जरूर होता है कि अगर पिटाई की शिकायत हो गई तो परेशानी में पड़ जाएंगे। मगर इस डर के बावजूद भी बच्चों को शारीरिक दण्ड देने का सिलसिला जारी है। भयमुक्त वातावरण में कभी-कभी पिटाई और मुर्गा बनने का खौफ भी शामिल हो जाता है। इस पोस्ट में पढ़िए एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र की कहानी।
मुर्गा बनने की पूरी कहानी
मैं अपने दोस्त के साथ बैठकर खाना खा रहा था। खाना खाने के बाद मेरा दोस्त टॉयलेट की तरफ गया और मैं पानी पीने चला गया। पानी पीकर क्लास की तरफ वापस लौटा और फिर दूसरे दोस्त के साथ बाहर निकला। मैंने देखा कि स्कूल के मैदान में बहुत कम बच्चे हैं। एक जगह लड़ाई हो रही थी, सारे बच्चे वहां मौजूद थे। मैं भी वहां पहुंच गया। एक लड़के ने दूसरे लड़के के गर्दन पर नाखून गड़ा दिये थे। बाद में सभी बच्चे आपस में झगड़ा करने वाले दोनों लड़कों को लेकर सर के पास गये।
आपस में झगड़ने वाले दोनों लड़कों में से एक शिक्षक से बोला, “आप बीच में मत आओ। आप भी मार खाओगे। मैं आज इस लड़के को जरूर मारुंगा।” प्रधानाध्याक कक्ष में दोनों लड़कों की जमकर पिटाई हुई। बाद में जिस लड़के को गर्दन पर खरोंच आई थी, वो बाहर आकर दूसरे सर को गुस्से में बोला, “देख मैंने उस लड़के को मारा।” सर बेचारे चुपचाप सुनते रहे। यह स्कूल दसवीं तक हैं। इस स्कूल में पांचवी से दसवीं तक के बच्चे पढ़ते हैं।
मुझे क्यों मुर्गा बना रहे हैं?
इसके बाद शुरु हुई मुर्गा बनने की कहानी। जो बच्चे मैदान में चिल्ला रहे थे, उनको तो मुर्गा बना दिया गया। जो लोग कुछ नहीं कर रहे थे, उन्हें भी मुर्गा बना दिया। ख़ुद मुर्गा बनने वाले एक छात्र का कहना है, “मैं पिछले दो सालों में पहली बार स्कूल में मुर्गा बना। हमारी क्लास में बेंच होने के नाते बीच वाली खाली जगह, पीछे और आगे मुर्गा बने हुए थे। मुर्गा बनने के कारण मेरे पांव दर्द हो रहे थे। मुझे यह बात समझ में नहीं आई कि जिनकी कोई गलती नहीं थी, उनको मुर्गा क्यों बनाया?”
बाकी बच्चों को मुर्गा बनाने का एक ही कारण हो सकता है स्कूल में अनुशासन का पाठ पढ़ाना। आपस में झगड़ने वाले छात्रों के साथ उस झगड़े को देखने वाले बच्चों के साथ बाकी बच्चों को भी मुर्गा बनाने की यही वजह हो सकती है कि सारे बच्चों को डराया जाए कि अगर ऐसी ग़लती हुई थी, तो उसकी सजा पूरे स्कूल को मिलेगी।
इस बीच एक लड़के जो जोर से गुस्सा आ गया कि मैंने कुछ नहीं किया तो मुझे क्यों मुर्गा बना रहे हो?
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