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एजुकेशन मिरर के हिट्स एक लाख पार, पाठकों का शुक्रिया

education-mirrorएजुकेशन मिरर पर नवंबर महीने में 26,500 से ज्यादा पेज़ व्यूज रहे। इसी महीने साल 2016 के एक भी लाख हिट्स भी पूरे हुए। फ़ेसबुक पेज़ से जुड़ने वाले दोस्तों की संख्या 600 से ज्यादा हो गई। इस सफर में जुड़ने वाले नए दोस्तों का स्वागत है।

आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया इस सफर में हमसफर बनने के लिए। एजुकेशन मिरर की शुरुआत शिक्षा और मीडिया के बीच एक पुल बनाने की कोशिशों के तहत हुई थी। ताकि शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर सहज भाषा में संवाद हो सके। जहाँ नए साथी अपने विचारों को लिख सकें और साझा कर सकें।

एजुकेशन मिरर पढ़ने वाले दोस्तों का शुक्रिया

इस दिशा में भी प्रगति हो रही है। यशस्वी द्विवेदी (लेख- मछलियां साथ क्यों रहती हैं?) नितेश वर्मा (आलेखः कैसा हो भविष्य का शिक्षा तंत्र?) और संदीप सैनी (रिपोर्टः सशक्त युवाओं से समक्ष बनेंगे राजस्थान के गाँव) के लेखों से आप परिचित ही है। आप सभी ने इनके लेखों को पढ़ा और सराहा है। भविष्य में इनके लेखों से आप रूबरू होते रहेंगे।

एजुकेशन मिरर, भारत में प्राथमिक शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण का महत्व, education mirror, teachers training in indiaवृजेश के लिखे लेखों से तो आपका पुराना परिचय है। हाल ही में लिखे लेख ‘भविष्य के शिक्षा तंत्र की तस्वीर कैसी होगी?’   आप सभी ने काफी पसंद किया। एजुकेशन मिरर से नए साथियों को लिखने की प्रेरणा मिल रही है। यह बात उन्होंने अपने मैसेज भेजकर कही है।

शिक्षक साथियों को इसी पोस्ट पसंद आ रही है। उनको लगता है कि कोई तो जगह है, जहाँ शिक्षकों के योगदान को ध्यान में रखते हुए लिखा जा रहा है। अंधी आलोचना वाले दौर में इस तरह के लेखन की जरूरत है, एजुकेशन मिरर की तरफ से इस तरह का प्रयास जारी रहेगा।  आपके सतत प्रोत्साहन के कारण इस सफर को जारी रखने में काफी मदद मिली है।

इसी क्रम में नियमित पाठकों और दोस्तों का फिर से शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ जो इसकी पोस्ट को पसंद करते हैं, कमेंट करते हैं और दोस्तों के साथ शेयर करते हैं ताकि शिक्षा पर संवाद का सिलसिला सतत जारी रह सके।

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