‘कबूतर’ वाली कविता पढ़ते बच्चे
कबूतर शीर्षक वाली यह कविता सोहन लाल द्विवेदी ने लिखी है।
“भोले-भाले बहुत कबूतर, मैंने पाले बहुत कबूतर
ढंग ढंग के बहुत कबूतर, रंग रंग के बहुत कबूतर”
यह वीडियो उत्तर प्रदेश के एक स्कूल का है। आप भी देखिए। शिक्षकों का प्रयास तारीफ करने लायक है। बच्चों का आत्मविश्वास ग़ौर करने योग्य है।
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