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नये शैक्षिक सत्र 2018-19 की शुरूआत, नामांकन को लेकर शुरू हुआ ‘स्कूल चलो अभियान’

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देश के विभिन्न राज्यों में 2 अप्रैल से नये शैक्षिक सत्र का आगाज हो गया है। इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों के सरकारी विद्यालयों में बच्चों के प्रवेश को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से सरकारी स्कूलों के ‘इंग्लिश मीडियम’ वाले स्कूलों के बारे में जानकारी देने वाले पोस्टर और जनसंपर्क की तस्वीरें सोशल मीडिया के साथ विभिन्न माध्यमों से साझा की जा रही हैं। देश व प्रदेश के सभी बच्चों व शिक्षक साथियों, अधिकारियों, अभिभावकों को नये शैक्षिक सत्र साल 2018-19 की बहुत-बहुत शुभकामनााएं।

एजुकेशन मिरर की तरफ से नये शैक्षिक सत्र की शुभकामनाएं

उम्मीद करते हैं कि यह साल शिक्षा के क्षेत्र में स्थापित जड़ता को तोड़ने वाला साल बनेगा। नये प्रयासों से बदलाव की ऐसी कहानियां लिखी जाएंगी, जो आने वाले सालों के लिए ऊर्जा देने और मार्ग प्रशस्त करने का कार्य करेंगे। हाल ही में जारी ‘नेशनल एचीवमेंट सर्वे’ में कर्नाटक और राजस्थान ने शीर्ष दो राज्यों में जगह बनाई है। बहुत अन्य राज्यों के लिए ये आँकड़े बहुत ज्यादा प्रोत्सााहित करने वाले नहीं हैं। मगर चुनौतियों को साफ-साफ रेखांकित करने वाले हैं, कि यथास्थिति को बदलने के लिए ज्यादा सटीक प्रयासों की जरूरत है।

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आज से विभिन्न राज्यों में स्कूल चलो अभियान से नये शैक्षिक सत्र की शुरुआत हो रही है।

मगर इस सच्चाई को स्वीकार करने और चुनौती के रूप में लेने के अलावा हमारे पास विकल्प क्या हैं? पलायन का विकल्प एक शिक्षक के जीवन में कभी नहीं आता। उसे परिस्थिति, परिवेश व विभिन्न चुनौतियों से निरंतर जूझते रहना होता है। समस्याओं के समाधान की राह खोजनी होती है। अपने साथी शिक्षकों को साथ लेकर चलने के प्रयास करने होते हैं ताकि मिलकर चुनौतियों का समाधान खोजा जा सके और साझे प्रयासों से बड़े बदलाव के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

प्रिय शिक्षक साथियों,

2 अप्रैल से नये शैक्षिक सत्र 2018-19 की शुरूआत हो रही है। नया क्या है/ नया क्या हो सकता है/ नयेपन को जड़ता की जगह स्थान के लिए हम क्या प्रयास कर सकते हैं, यह सवाल हम सभी के सामने है। इस सवाल के जवाब की तलाश भी व्यक्तिगत, सामूहिक और संस्थागत स्तर पर जारी है।

हम सभी एक प्रोफ़ेशनल लर्निंग कम्युनिटी या नेटवर्क के रूप में प्रत्यक्ष या परोक्ष ढंग से एजुकेशन मिरर से जुड़े हुए हैं। इस साझे मंच के माध्यम से हमारी बात उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमांचल, महाराष्ट्र, हरियाणा, सिक्किम समेत 11 से अधिक राज्यों में सक्रियता के साथ पहुंच रही है। इन राज्यों के उन शिक्षक साथियों का हृदय से आभार जिन्होंने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इस प्लेटफॉर्म को उपयोगी बनाने में अपना योगदान दिया है।

सबसे ग़ौर करने वाली बात है कि इस मंच के माध्यम से बहुत से शिक्षक साथियों की लेखन प्रतिभा को निखारने और उन्हें लिखने के लिए प्रोत्साहित करने की अच्छी शुरूआत हुई है। वे बेझिझक अपनी बात कह रहे हैं। नये साथियों को अपने अनुभवों पर चिंतन करने और उसे लिखकर साझा करने को बढ़ावा दे रहे हैं। देश के विभिन्न शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी भी इस मंच से जुड़े हुए हैं। नियमित रूप से पढ़ने के साथ-साथ उनके फीडबैक हमें मिलते रहते हैं।

इस साल कुछ पोस्ट को राष्ट्रीय मीडिया की विभिन्न वेबसाइट्स में जगह मिली है। यह दायरा पत्रिकाओं में लेखों के प्रकाशन तक पहुंचा है। उम्मीद है कि नये सत्र में शिक्षकों की बहुत सी स्टोरीज़ पढ़ने को मिलेंगे, और उनकी पहुंच एनसीईआरटी की पत्रिकाओं व शैक्षिक विमर्श को समर्पित पत्रिकाओं तक पहुंचेगी। इस संवाद को सुगम बनाने के लिए एजुकेशन मिरर की पूरी टीम सक्रियता से अपना काम करने को प्रतिबद्ध है।

हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट पर मौजूद कंटेंट का मात्र 0.1 प्रतिशत सामग्री भारतीय भाषाओं में है। शेष अंग्रेजी व अन्य भाषाओं में है। यह खाई बहुत बड़ी है। हमारे छोटे-छोटे लेख, विचार, पोस्ट व किताबों की समीक्षा वाले लेख इस दिशा में योगदान दे रहे हैं, बूंद बूंद से घड़ा भरता है, उसी तरीके से इस खाई को पाटने की दिशा में हमारे छोटे-छोटे प्रयास लंबी अवधि में बेहद महत्व के साबित होंगे।

इसलिए जरूरी है कि हम सभी शिक्षण के अपने अनुभवों को लिखें, चुनौतियों को रेखांकित करें, समाधान के प्रयासों को बताएं और भावी भविष्य की जो तस्वीर हमारे मन में आकार ले रही है उसे साझा करें।

आपकी बात लोगों तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि आप शिक्षा से जुड़ी पोस्ट पर टिप्पणी करें। कोई पोस्ट अच्छी लगे तो उसे लोगों के साथ शेयर भी करें।शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन की संस्कृति और सटीक समालोचना के माध्यम से एक-दूसरे के विकास व बेहतरी में योगदान करें।

इन्हीं शब्दों के साथ आप सभी को नये शैक्षिक सत्र साल 2018-19 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई! आपके प्रयासों को मंज़िल मिले ऐसी उम्मीद करते हैं।

टीम एजुकेशन मिरर

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