लाइब्रेरी में लगातार प्रयास से संभव हैं 15 सकारात्मक बदलाव लाइब्रेरी में काम के बाद होने वाले संभावित बदलाव की जानकारी हमें रणनीति तैयार करने में मदद करती है। [...]
रीडिंग रिसर्चः पढ़ने की जरूरत क्यों है? इस बेहद आसान से सवाल के जवाब में क्या उत्तर आपके मन में आते हैं? शेष पढ़िए इस पोस्ट में। [...]
लेखक, बच्चे और लाइब्रेरियन में से किसे साहित्य की विधाओं की कैसी समझ होनी चाहिए और क्यों? साहित्य की विधाओं के समझ की जरूरत को रेखांकित करती है यह पोस्ट। [...]
किसी व्यक्ति की पढ़ने की आदत कैसे बनती है? आपके पढ़ने की आदत कैसे विकसित हुई? साझा करिए अपनी स्टोरी। [...]
डिजिटल माध्यमों की उपस्थिति का पढ़ने के ऊपर क्या असर होगा? डिजिटल माध्यमों के कारण किसी सामग्री को सरसरी निगाह से देखने की प्रवृत्ति विकसित हुई है। [...]
पुस्तकालय की सक्रिय मौजूदगी में किस तरह का समाज बनने की संभावना है? लाइब्रेरी की सक्रिय मौजूदगी का बच्चों के ऊपर सकारात्मक असर होता है। [...]
लेखन के समय ध्यान रखने वाली ख़ास बातें क्या हैं? भाषा कार्यशाला के नोट्स में पढ़िए अंजलि नरोन्हा के विचार। [...]
चर्चाः लाइब्रेरी को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल? भारत में पुस्तकालय को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल। आपका सवाल क्या है? [...]
‘कविता इस तरह सुननी चाहिए कि बुद्धि का उस पर अतिक्रमण न हो’ – उदयन वाजपेयी उदयन वाजपेयी ने कविताओं के बारे में एक सत्र में अपने विचार रखिए। पढ़िए उस सत्र के नोट्स। [...]
कहानियों पर चर्चा के लिए सवाल कैसे बनाएं? लाइब्रेरी में कहानियों पर चर्चा वाले सवाल बनाते समय विविधता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। [...]
‘द्वंद से बचकर अच्छा लेखन या अच्छा साहित्य सृजन नहीं हो सकता’ – अंजलि नरोन्हा अंजलि नरोन्हा कहती हैं कि द्वंद से बचकर अच्छा लेखन या अच्छा साहित्य सृजन नहीं हो पाता है। [...]
लाइब्रेरी का महत्वः समझ के साथ ‘पढ़ने के आनंद’ से परिचित कराती है लाइब्रेरी यह कहानी उन स्कूलों की है जो लाइब्रेरी को महत्व दे रहे हैं और उसे जीवंत बना रहे हैं। [...]
कविता में अर्थ पहले आता हैः नरेश सक्सेना नरेश सक्सेना जी कहते हैं कि कविता में अर्थ पहले आता है और फिर कवि उसे शब्दों में प्रकट करता है। [...]
कविता भाषा का कारखाना है: सुशील शुक्ल कविताओं को लिखने की कला के साथ-साथ पढ़ने की कला पर भी संवाद जरूरी है। [...]