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अपडेटः एजुकेशन मिरर को अगस्त में 1 लाख से ज्यादा हिट्स मिले

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सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपना लिखा हुआ दिखाते हुए।

शिक्षा के क्षेत्र में समसामयिक और ज़मीनी विमर्श के मंच के रूप में एजुकेशन मिरर की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ रही है।

इसके पाठकों का कहना है कि इसकी पोस्ट से उन्हें शिक्षा से जुड़े मुद्दों के बारे में सोचने और उनको व्यावहारिक की आईने में देखने का मौका मिलता है।

जारी है शिक्षा पर संवाद

एजुकेशन मिरर पर प्रकाशित पोस्ट की एक ख़ास बात है कि हम केवल समस्याओं की बात नहीं करते, समाधान की दिशा में बढ़ने वाले प्रयासों को रेखांकित करते हैं। इस सफर को आगे बढ़ाने के लिए पाठकों को अपनी तरफ से नए विचारों को जोड़ने का अवसर भी देते हैं। साल 2017 के अगस्त महीने में एजुकेशन मिरर ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1 लाख से ज्यादा हिट्स का लक्ष्य हासिल किया। जबकि विज़िटर्स की संख्या 35,500 से ज्यादा रही। इस साल अगस्त तक कुल हिट्स 5 लाख 25 हज़ार से ज्यादा हो चुके हैं।

जरूर पढ़ेंः अधिग्रहण से बचने को दिल्ली के निजी स्कूल लौटा रहे हैं बढ़ी हुई फीस

स्कूली शिक्षा पर वैकल्पिक, पर लोकप्रिया चर्चा की जरूरत

एजुकेशन मिरर के फेसबुक पेज़ पर दोस्तों की संख्या में उत्तरोत्तर बढ़ोत्तरी हो रही है। अबतक एजुकेशन मिरर के फेसबुक पेज़ से शिक्षा से जुड़े मुद्दों की परवाह करने वाले और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले 1200 साथी जुड़े चुके हैं। विस्तार का यह सिलसिला सतत जारी है। शुद्ध अकादमिक चर्चाओं से परे स्कूली शिक्षा पर वैकल्पिक, लेकिन लोकप्रिय चर्चा की जरूरत है। इसे पूरा करने की दिशा में एजुकेशन मिरर पर शिक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर निरंतर लेखन हो रहा है। इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में नये साथियों को लिखने का अवसर भी मिल रहा है।

चर्चा मेंः क्यों बंद हो रहे हैं रवांडा के निजी स्कूल, यह इस महीने की सबसे चर्चित कहानी है। रवांडा मध्य अफ्रीका में स्थिति एक देश हैं। यहां के सरकारी स्कूलों में होने वाली अच्छी पढ़ाई ने अभिभावकों को भरोसा जीत लिया है। इसके अलावा भारत की सबसे चर्चित कहानी दिल्ली सरकार द्वारा निजी स्कूलों के अधिग्रहण वाले फ़ैसले की रही, जिसके बाद बहुत से निजी स्कूलों ने अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस वापस करने का निर्णय किया।  इस निर्णय पर अमल भी हो रहा है।

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