बिस्तर पे लेटे लेटे उसे याद आया कि उसे अपनी बेस्ट फ्रेंड तितली के लिये ग्रीटिंग कार्ड बनाना था. वह झट के उठ के आर्ट की कापी का एक पेज, पेंसिल ,रबर, स्केल और कलर ले आयी उसने पेज को कार्ड की तरह फोल्ड किया और उसपे बहुत सारे फूल, तितलियाँ और आसमान मे उड़ती चिड़ियाँ बना डालीं बीचोंबीच मे उसने एक लड़की बनाई और अपने चमकीले रंगों से सब को जीवंत कर दिया . कार्ड के एक कोने पर उसने रंगीन पेंसिल से लिखा To my best freind titli और नीचे दूसरे कोने पे उसने लिखा from your best freind mithli. Engish के Exam की तरह मिथली ने कार्ड पर भी friend की स्पेलिंग गलत ही लिखी थी.
आज सुबह वह माँ की एक आवाज़ मे ही उठ गयी जल्दी जल्दी नाश्ता कर के फूलो वाली पीली फ्राक पहन के गुड़िया वाला बैग कंधों पे लटका के तैयार हो गयी. माँ पापा के साथ वह स्टेशन पहुँची ट्रेन मे सब अपनी सीट पर बैठ गये मिथली हर जाती हूई ट्रेन और लोगों को हाथ हिला कर विदा करती जैसे सब उसके अपने हों. कुछ ही देर मे उसकी गाड़ी भी चल दी सूरज ढलने से पहले वह अपने गाँव पहुँच गयी घर पहुँचते ही दादा ने उसे गोद मे उठा लिया वह चिड़िया की तरह चहकती हूई सफर का सारा किस्सा सबको सुना रही थी कुछ ही पलों मे पूरे घर मे वह अपने पावँ के निशान बना आई थी.
मीथली को यह जानकर बहुत दुख हुआ अब तितली उसके साथ दौड़ नहीं सकती थी खेल नहीं सकती थी शाम को दोनो ने खूब बातें की मीथली ने अपनी दोस्त को ग्रीटिंग कार्ड दिया चाकलेट दी अपने खिलौने और कहानी की किताब दिखाई . रात को तितली मीथली से घर आने का वादा ले के अपने घर चली गई. अब रोज़ दोनों मिलती कहानियाँ पढ़ती ,गुड़िया खेलतीं अपने अपने स्कूल की बातें बतातीं , लेकिन मीथली बाग मे खेलना चाहती थी वह फूल चुनना चाहती थी उसका मन करता था आम तोड़ने का, तितलियाँ पकड़ने का ऊँच नीच खेलने का पूरे गाँव मे दौड़ लगाने का. धीरे धीरे वह दूसरे बच्चों के साथ खेलने लगी, तितली उसे खेलते देखती रहती. धीरे धीरे मीथली अपनी दोस्त तितली से दूर जाने लगी ,वह अब तितली को बिना लिए ही दूसरे बच्चों के साथ खेलने चली जाती लेकिन फिर भी तितली उसके पीछे पीछे उस जगह पहुंच जाती.
अपनी दोस्त तितली को देखकर वह फफक फफक कर रोने लगी , तितली ने अपनी व्हील चेयर दीवार से सटा दी और उस पर पैर रखकर उतरने को कहा . मीथली उस व्हील चेयर की मदद से नीचे उत्तरी तितली ने उसके पाँव का काटा निकाला , मीथली को अपनी गलती का एहसास हो गया था वह समझ गयी थी कि तितली ही उसकी सच्ची दोस्त है और उसने तितली से उसकी बात न मानने के लिये माफी मांगी और हमेशा बेस्ट फ्रेंड बने रहने का वादा किया. कुछ माह के इलाज के बाद तितली ठीक़ हो गयी और फिर से दोनों एक घर से दूसरे घर कूदने लगीं , दादा ने दोनों को दौड़ा कर पकड़ा और बोले मैने तो आज दो तितलियाँ पकड़ लीं ,यह सुनकर दोनों खिल खिला के हँस पड़ी.