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तुक्का लगाने वाले बच्चे पढ़ना सीख जाएंगे?

भाषा का कालांशपढ़ना एक कला है। इस कला में पारंगत होने का रास्ता सटीक अनुमानों से होकर जाता है। अगर पहली-दूसरी क्लास के बच्चे सटीक गेस कर रहे हैं कि वाक्य के अंत में है, था, थी, होता है, गया इत्यादि आते हैं। तो इसे पढ़ना सीखने की दिशा में होने वाली प्रगति का एक अच्छा संकेत माना जाना चाहिए।

इससे पता चलता है कि बच्चे पढ़ते समय अपने पूर्वज्ञान के साथ-साथ पूर्वानुमान के कौशल का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।

ऐसी स्थिति में पहुंचने वाले बच्चों का किताबों के साथ एक अच्छा रिश्ता बनने वाला यह बात भरोसे के साथ कही जा सकती है।

मगर समझ के साथ पढ़ने के लिए एक रफ्तार चाहिए होती है जो अभ्यास के बाद आयेगी। इसकी अपेक्षा बहुत जल्दी नहीं की जा सकती क्योंकि स्वाभाविक रूप से होने वाला विकास ज्यादा स्थाई होता है।

‘सेल्फ करेक्शन’ का मौका दें

बच्चे अपने सीखने के दौरान ‘सेल्फ करेक्शन’ वाली स्किल का इस्तेमाल करते हैं। जो स्वतःस्फूर्त ढंग से होता है। ऐसे में शब्दों को अलग-अलग करके पढ़ने वाले बच्चे भी एक समय के बाद सीधे पढ़ने वाली स्थिति में आ जाएंगे।

क्योंकि उसी शब्द से बार-बार गुजरने के दौरान होने वाला परिचय उनको शब्दों की तस्वीर को समझने और उसे अपने संदर्भ से जोड़ने में मदद करेगा।

क्योंकि ये बच्चे अक्षर, मात्राओं और उनके आपसी संयोजन से भी वाकिफ हैं, इसलिए इन बच्चों के अनुमान ज्यादा सटीक होंगे। इनके ज्यादा बेहतर पाठक बनने की संभावनाएं भी ज्यादा हैं।

खुद से कोशिश करने वाले बच्चे बाकी बच्चों की तुलना में ज्यादा जल्दी ‘स्वतंत्र पाठक’ बनने वाले रास्ते पर आगे बढ़ जाते हैं। वे खुद से अपनी रुचि वाली किताबों का चुनाव करते हैं। अपनी जरूरतों के अनुसार किताबों को चुनने का कौशल विकसित करते हैं। अपेक्षाओं के अनुरूप अपने पढ़ने और समझने की रफ्तार को भी बेहतर बनाते हुए चलते हैं।

इनके लिए पढ़ना अपने आसपास के परिवेश और वातावरण को समझने का एक अहम जरिया होता है। इन सारी बातों में पढ़ने से मिलने वाली ख़ुशी और आनंद का साथ सदैव बना रहता है।

6 Comments on तुक्का लगाने वाले बच्चे पढ़ना सीख जाएंगे?

  1. Rbsc ajmer be.d curriculam at presentpractical and it’s very nice

  2. Rbsc ajmer be.d curriculam at presentpractical and it’s very hot

  3. Rbsc ajmer be.d curriculam at presentpractical and it’s very boredom

  4. Rbsc ajmer be.d curriculam at present not practical and it’s very boredom

  5. Education modern fundamental is good.

  6. Education modern fundamental is not good.

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