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बिक्सूः ‘अकेलापन एक इंसान को दोस्ती की तरफ जाने के लिए प्रेरित करता है’

New Doc 2019-03-13_3.jpg‘बिक्सू’ एक ग्राफिक नॉवेल है। इस किताब को पढ़ते हुए आप उस स्टूडेंट् की दुनिया में होते हैं जो घर से दूर है। घर की याद में रो रहा है। हम लोगों में से बहुत से दोस्त इस अनुभव से गुजरे होंगे जिन्होंने घर से दूर रहकर पढ़ाई की है। लेकिन कब तक रोने और अकेलेपन से गुजारा चलता, ऐसे में बिक्सू को एक रास्ता दिखता है। वह रास्ता होता है लोगों से दोस्ती करने का। इस दोस्ती का सफ़र कहाँ तक जाता है इस किताब में पढ़ सकते हैं। यह राज कुमारी की पहली किताब है। आपने इस किताब के ग्राफिक्स (चित्र) भी बनाए हैं जो मधुबनी शैली में बने हुए हैं। इस किताब को मुकम्मल करने में उनका सहयोग किया है उनके पति,  स्टैंड-अप कॉमेडियन और पटकथा लेखक के रूप में मशहूर वरुण ग्रोवर ने।

35 पन्ने का पत्र बना एक ‘ग्राफिक नॉवेल’

यह किताब भारत के झारखण्ड राज्य के एक गाँव से बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने के लिए निकले उस लड़के की कहानी है जिसे दाखिले के बाद अपने बँधे होने का अहसास होता है। इस बँधन में गाँव की याद है और आँसुओं की धार भी है। लेकिन रोने का सिलसिला भी रुकता है और बिक्सू को आगे बढ़ने की राह भी मिलती है। इस किताब के बनने की प्रक्रिया में बताते हुए राज कुमारी एक साक्षात्कार में कहती हैं, “यह किताब 35 पन्नों के एक पत्र पर आधारित है। जो विकास कुमार यानि बिक्सू ने अपनी बचपन की यादों को खंगालकर एक लंबी चिट्ठी के रूप में लिखा था।”

इस किताब में युवावस्था के उस दौर का भी जिक्र है जब हमारा सामना बोर्ड परीक्षाओं से होता है। आस-पड़ोस के लोग परीक्षाओं को लेकर हमेशा टोकते रहते हैं। परीक्षाओं के डर का जो मानवीयकरण इस किताब में किया गया है, वह बड़ा रोचक है। इसमें परीक्षा का डर एक ऐसे शख्स के रूप में सामने आता है जो खुद बोर्ड परीक्षाओं में फेल हुआ होता है, लेकिन उसे दूसरों को डराने का लाइसेंस मिला हुआ होता है। इसके साथ ही प्रेम का भी जिक्र है। तो विस्तार से पढ़िए इस किताब को और आनंद लीजिए बिक्सू की दुनिया से रूबरू होने का। इस किताब की कीमत 525 रूपये है। लेकिन किताब जब आपके समाने होगी तो लगेगा कि किताब की यह कीमत इसकी गुणवत्ता के हिसाब से बिल्कुल उपयुक्त है।

new doc 2019-03-13_68281233686063049555..jpgइस किताब को इकतारा ने प्रकाशित किया है। इकतारा की ख्याति बाल साहित्य के क्षेत्र में एक ऐसी ऊर्जावान टीम के रूप में है जो अपने मिशन के साथ प्रतिबद्ध है और अपने से जुड़े लेखकों व चित्रकारों को पूरी आज़ादी व रचनात्मकता के साथ काम करने की स्वतंत्रतता देती है। इस टीम का नेतृत्व शशि सबलोक और सुशील शुक्ल कर रहे हैं। इस किताब को मंगवाने के लिए आप लिख सकते हैं info@ektaraindia.in पर।

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