इन 7 बातों के साथ करें नए साल का स्वागत!!
नए साल की पहली पोस्ट है। ढेर सारी उम्मीदें हैं। सपने हैं। मंज़िलें हैं। रास्ते हैं। एक लंबा सफर है, जिसे तय करने की दिशा में हम सभी रफ्ता-रफ्ता आगे बढ़ रहे हैं। एजुकेशन मिरर पर साल 2016 में 52,000 से ज्यादा दोस्तों ने एजुकेशन मिरर की वेबसाइट पढ़ी। इससे आपका जुड़ाव प्रेरित करने वाला है।
इस पर प्रकाशित होने वाली सामग्री का क्लासरूम व शिक्षक प्रशिक्षणों के दौरान इस्तेमाल किया गया। इससे अच्छी बात भला और क्या हो सकती है कि नए साल में इस सिलसिले को और विस्तार मिले। इस पर प्रकाशित होने वाले लेख आपके काम को आसान बनाने में और आपको प्रेरित करने में एक सक्रिय भूमिका निभाएं।
1.खुशनुमा माहौल बनाएं
एक खुशनुमा माहौल में हमारी काम करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए नए साल में कोशिश करें कि ऐसे लोगों के साथ समय बिताएं जो आपको अपना काम करने के लिए प्रेरित करते हैं। आपके काम की कद्र करते हैं। बच्चों के साथ आपके जुड़ाव को समझते हैं। बतौर शिक्षक आपकी भूमिका को सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। ऐसे लोगों से बचिए जो आपके रास्ते में बाधाएं खड़ी करते हैं और आपको हतोत्साहित करते हैं। इससे आप अपने काम को खूब अच्छे से कर पाएंगे। इसका असर बच्चों के सीखने में सकारात्मक बदलाव के रूप में सामने आएगा।
2. पढ़ने के लिए समय निकालें
अगर हम बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं तो हमें भी किताबों के साथ समय बिताना होगा। किताब पढ़ने के आनंद से खुद भी रूबरू होना होगा। इसलिए कोशिश करिए कि नए साल में सिर्फ स्कूलों के लिए जारी होने वाले आदेश और दिशा-निर्देश ही न पढ़ें।
कुछ ऐसा भी पढ़ें जो आपके जीवन में लंबे समय तक काम आए। इसके लिए अपने स्कूल के पुस्तकालय का अच्छा इस्तेमाल कर सकते हैं। एक किताब है अॅलकेमिस्ट। इसके शुरुआती हिस्से की कुछ पंक्तियां हैं, “अब से मैं मोटी-मोटी किताबें पढ़ूंगा। पढ़ने में ज्यादा वक़्त भी लगेगा और तकिया भी अच्छा बनेगा। जब भी उसे किताब का कोई हिस्सा अच्छा लगता तो वह अपनी भेड़ों को पढ़कर सुनाता।” किताब के साथ-साथ ऑनलाइन पढ़ने का विकल्प भी अपना सकते हैं ताकि खाली समय का अच्छा इस्तेमाल कर सकें।
3. अपनी ताक़त को पहचाने
बतौर शिक्षक या शिक्षक प्रशिक्षण अपनी ताक़त को पहचानना जरूरी है। ताकि आप अपने काम को ज्यादा अच्छे से कर सकें। किसी एक काम में आपका सर्वश्रेष्ठ होना बाकी कामों को आसान बनाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए अगर आपके पढ़ने की आदत अच्छी है तो आप बच्चों में ऐसे गुणों का विकास कर सकते हैं।
अगर आपका लेखन कौशल अच्छा है तो बच्चों को नोट्स बनाने के लिए जरूरी सामग्री उपलब्ध करवा सकते हैं। प्लानिंग वाला पार्ट अच्छा है तो बच्चों को घर पर टाइम टेबल बनाकर अपने समय का इस्तेमाल करने की दिशा में प्रयास कर सकते हैं। अगर परामर्श वाला पार्ट अच्छा है तो बच्चों को अच्छी सलाह दे सकते हैं जो उनको भविष्य में आगे बढ़ने के लिए मदद करे।
4. अपने काम से प्यार करें
आप एक ऐसा काम कर रहे हैं जो कोई और नहीं कर सकता है। इसलिए अपने काम से प्यार करें। इस प्यार में बच्चों के सीखने की परवाह करना, क्लास में हर बच्चे की भागीदारी लेना और बच्चों की क्षमता में पूरा भरोसा रखना शामिल है। नए विचारों को पुराने अनुभवों के साथ शामिल करके काम में इस्तेमाल करें।
इससे नए विचार आपको किसी दूसरे ग्रह से आए विचारों जैसे नहीं लगेंगे। जैसे आप तकनीक के क्षेत्र में तरक्की देख रहे हैं, वैसे ही विचारों के क्षेत्र में भी काफी शोध हो रहे हैं, इसलिए नए विचारों से फायदा उठाएं।
5. खुद को अपडेट रखें
आज का जमाना टेक्नॉलजी और रिसर्च है। मस्तिष्क के क्षेत्र में काफी शोध हो रहे हैं। संज्ञानात्मक विकास को लेकर नए-नए अध्ययन हो रहे हैं। पढ़ने को लेकर भी शोध हो रहे हैं।
एक शिक्षक प्रशिक्षक का काम होता है ऐसे शोध अध्ययन से खुद को अपडेट करना और उसे शिक्षक साथियों के साथ साझा करना ताकि वे क्लासरूम में इसका उपयोग कर पाएं। इसलिए ऐसी जानकारियों को बोझ न मानकर, उसे सीखने और जानने के एक अवसर के रूप में लें। ऐसा करना आपके काम की गुणवत्ता और आपके आत्मविश्वास को कई गुना बढ़ा देगा।
6. पूर्वाग्रहों से बचें
हम 2017 को शिक्षा क्षेत्र में पूर्वाग्रहों से मुक्ति के साल के रूप में मना सकते हैं। ताकि आप ऐसे विचारों से आज़ाद हो सकें जो सच नहीं हैं। जैसे आदिवासी इलाक़े के बच्चे पढ़ना नहीं सीख सकते। यह एक पूर्वाग्रह है। इन बच्चों के ऊपर कोई ध्यान देने वाला नहीं है, इसलिए ये बच्चे पढ़ाई में अच्छा नहीं करेंगे आदि-आदि। ऐसी तमाम बातें जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, उससे खुद को मुक्त रखें। ऐसी स्थिति में ही आप वास्तविक चुनौतियों पर ध्यान दे पाएंगे।
7. शुक्रिया अदा करें
अगर किसी से कुछ नया सीख रहे हैं। किसी की कोई बात आपको अच्छी लगी। तो उसका शुक्रिया अदा करें। अगर आपने बच्चों से कुछ सीखा है तो उनको भी शुक्रिया कहें। शब्दों में नहीं, तो कम से कम आपके व्यवहार से यह बात व्यक्त होनी चाहिए।
बच्चे तो हर हाल में सीखते ही हैं। हम बड़ों को ज्यादा सीखने की जरूरत है।
हमारे एक साथी कहते हैं कि भारत में प्रोत्साहित करने की परंपरा नहीं है। इसके कारण बहुत सी प्रतिभाएं, अपनी क्षमता के उच्चतम स्तर तक नहीं पहुंच पातीं।
इसलिए जरूरी है कि हम लोगों के अच्छे काम और प्रयासों सच्ची तारीफ करें, झूठी तारीफ नहीं। ताकि एक ऐसी शृंखला बनें जिससे हमें सतत ऊर्जा, प्रोत्साहन और आत्मविश्वास मिलता रहे।
बहुत-बहुत शुक्रिया सुरेंद्र। आपको भी नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां। विचारों को अमल में लाने से उनको ज़िंदगी मिलती है। ऐसी ही कोशिशों से सफलता की कहानियां लिखी जाती है। ऑल द बेस्ट, इस सफर पर आगे बढ़ने के लिए।
सभी को नया साल मुबारक हो |
आपकी पोस्ट में लिखी गई सारी बातें महत्वपूर्ण है और मुझे लगता है इन्हें अमल में लायेंगे तो बहुत प्रभावी होगी |