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जीवन मंत्रः अच्छे प्रयासों की तारीफ मिले या आलोचना, आगे बढ़ते रहें

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पढ़ना सीखने के प्रयास में तल्लीन एक छात्रा।

रोजमर्रा की ज़िंदगी में छोटे-छोटे प्रोत्साहन कितने महत्वपूर्ण होते हैं? अगर यह सवाल आप किसी ऐसे इंसान से पूछें जो शाम को नौकरी या अपने काम से घर लौट रहा हो तो शायद वह भी यही कहेगा कि बहुत जरूर होता है।

शायद ही कोई इंसान इस सवाल के सकारात्मक जवाब से इनकार करेगा। क्योंकि हमारे आसपास हतोत्साहित करने वाले ऐसे लोगों की भरमार है जो हमारी पहली ही उड़ान पर पंखों के कमज़ोर होने की घोषणा कर देने को तैयार बैठे हैं।

तारीफ मिले या आलोचना ठहरें नहीं, आगे बढ़ते रहें

ऐसे माहौल में हमें अपने अच्छे प्रयासों को तारीफ और आलोचना की परवाह किये बिना जारी रखने की जरूरत होती है। हमारी खुशी का मूल हमारा काम ही है। हमको अगले दिन की ऊर्जा उसी से मिलनी है।

अपने वर्तमान समय का इस्तेमाल किसी की आलोचना में बिताने से अच्छा है कि हम अपने काम की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करें। क्योंकि लंबे समय में ऐसे प्रयास ही किस्मत बदलने वाले साबित होते हैं।

यह बात आम लोगों के साथ-साथ एक शिक्षक के लिए भी उतनी ही सच है। इसलिए आप सभी शिक्षक साथियों से कहना है, “कोई आपके अच्छे प्रयासों की तारीफ करे या आलोचना आगे बढ़ते रहिए। अपनी आंतरिक प्रेरणा पर बाहरी प्रोत्साहन को हावी न होने दें। आपकी प्रतिभा निरंतर अभ्यास से और निखरेगी, इस विचार में गहरा विश्वास करें। आपके काम करने की सकारात्मक ऊर्जा और प्रतिबद्धता ही आपके आलोचकों को आपका जवाब है।”

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