सवालः आप बच्चों के पढ़ने का कौशल विकसित करने के लिए कौन सी गतिविधियां कराएंगे?

बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों में हिस्सा लेने और चर्चा करने का अवसर देना पठन कौशल विकास हेतु जरूरी है।
हमारे एक शिक्षक साथी ने सवाल पूछा है, “आप बच्चों के पढ़ने का कौशल विकसित करने के लिए कौन सी गतिविधियां कराएंगे?” इस सवाल के जवाब में कहा जा सकता है कि मूलतः बच्चों के पढ़ने का कौशल विकसित करने के लिए रणनीतियां कक्षा के स्तर और बच्चों की स्थिति के अनुरूप बदलती रहती हैं। मगर कुछ बुनियादी बातें इस प्रकार हैंः
- बच्चों में पढ़ने का कौशल विकसित करने की सबसे बुनियादी बात है कि बच्चों को भाषा के आनंद से रूबरू कराएं। इसके लिए सबसे अच्छी गतिविधि है बालगीत।
- इसके बाद दूसरी महत्वपूर्ण गतिविधि है कहानी पढ़कर सुनाना। इससे बच्चों को कहानी के साथ जुड़ने और कहानी के पात्रों के बारे में अपने अनुभवों को साझा करने का अवसर मिलता है।
- तीसरी गतिविधि जो बच्चों में पढ़ने के कौशल को विकसित करने की बुनियाद रखती है, वह है लिखे हुए अक्षरों से बच्चों को परिचित कराना। ताकि बच्चे अक्षरों और मात्राओं की पहचान कर सकें। अक्षरों की पहचान के लिए सबसे उपयोगी गतिविधि है पहली आवाज़ की पहचान। जैसे कमल शब्द की पहली आवाज है ‘क’> इसके बाद बच्चों को क अक्षर लिखने और पहचानने का मौका दिया जा सकता है।
- आवाज़ों को जोड़ने वाली गतिविधि बच्चों को अक्षरों से शब्दों को पढ़ने की तरफ ले जाती है। इसके लिए दो आवाज़ों को मिलाकर शब्द बनाने वाली मौखिक गतिविधि से काफी मदद मिलती है। रीडिंग रिसर्च की भाषा में इस ब्लेंडिंग या जोड़ना कहते हैं। जैसे क और र की आवाज़ें मिलकर कर जैसी ध्वनि बनाती हैं।
- शब्दों को पढ़ना सीखने के साथ-साथ बच्चे वाक्य की संरचना से भी मौखिक रूप से रूबरू होते हैं। बच्चों को छोटे-छोटे वाक्यों को पढ़ने का अभ्यास शब्दों को पढ़ने में पारंगत होने के साथ-साथ दिया जा सकता है। इसके लिए बच्चों को आपस में किसी विषय/घटना/कहानी/कविता/ सवाल पर बातचीत करने का अवसर दिया जा सकता है। इसके लिए कविताओं को मौखिक रूप से परिचित होने के बाद पढ़ने का अवसर दिया जा सकता है।
- किसी लिखी हुई सामग्री को पढ़कर समझने वाली गतिविधि के रूप में छोटे-छोटे शब्दों को पढ़ना और लिखे हुए शब्द को बच्चों के आसपास के परिवेश से जोड़ने से काफी लाभ हो सकता है। जैसे बच्चों के आसपास के जानवर और गाँव के नाम पढ़ने का अवसर दिया जा सकता है।
- जोड़ों में पढ़ने वाली गतिविधि बच्चों के साथ की जा सकती है, इससे कमज़ोर बच्चे को अन्य बच्चे के साथ बैठाया जा सकता है। ऐसा करते समय बच्चे को अपने पसंद का साथी चुनने की आज़ादी देनी चाहिए।
- पढ़ने के कौशल का रिश्ता पढ़ने की आदत के साथ है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों में पढ़ने की आदत का विकास किया जाये, ताकि बच्चे किताबों के साथ एक दोस्ती कायम कर सकें। इसके लिए किताबें करती हैं बातें जैसी कविताएं काफी उपयोगी हो सकती है।(एजुकेशन मिरर की इस पोस्ट से गुजरने के लिए आपका शुक्रिया। अब आपकी बारी है, आप इस लेख के बारे में दूसरों के साथ क्या साझा करना चाहेंगे, लिखिए अपनी राय कमेंट बॉक्स में अपने नाम के साथ। शिक्षा से जुड़े कोई अन्य सवाल, सुझाव या लेख आपके पास हों तो जरूर साझा करें। हम उनको एजुकेशन मिरर पर प्रकाशित करेंगे ताकि अन्य शिक्षक साथी भी इससे लाभान्वित हो सकें।)
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बहुत-बहुत शुक्रिया इस तरफ़ ध्यान दिलाने के लिए। लेखन कौशल के बारे में सिलसिलेवार ढंग से लिखने की जरूरत है।
सारी गतिविधियां बहुत अच्छी है।
इसी तरह से आप लेखन कौशल को विकसित करने वाली गतिविधियां भी लिखेंगे तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी।
बहुत-बहुत शुक्रिया संजय जी।
वाकई बहुत ही अच्छा सुझाव है अपने साथियों तक पहुँचा रहा हूं।