Trending

प्रशिक्षण का क्या महत्व है?

बच्चे, पढ़ना सीखना, बच्चे का शब्द भण्डार कैसे बनता हैइस सवाल के दायरे में कई सारे सवाल आते हैं। सबसे पहला सवाल है कि प्रशिक्षण क्या है? दूसरा सवाल है कि शिक्षा और प्रशिक्षण में क्या अंतर है? तीसरा सवाल हो सकता है कि अगर अन्य क्षेत्रों के तरह बदलते वक्त के साथ खुद को अपडेट करने, नये विचारों और नई तकनीक के साथ सामंजस्य बैठाने की बात स्वीकार कर ली जाए तो एजुेकन सेक्टर में काम करने वाले शिक्षकों, शिक्षक प्रशिक्षकों के लिए प्रशिक्षण की क्या उपयोगिता है। शिक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण का क्या योगदान है।

प्रशिक्षण की जरूरत

प्रशिक्षण का उद्देश्य किसी व्यक्ति या समूह के ज्ञान, कौशल व अभिवृत्ति (नॉलेज, स्किल और एटीट्यूड) के ऊपर फोकस किया जाता है। ज्ञान में किसी क्षेत्र विशेष की अवधारणाओं पर व्यापक समझ बनाने के ऊपर फोकस किया जाता है। जैसे अगर शिक्षा के दर्शन की बात करें तो इसमें सीखना कैसे होता है? बच्चे कैसे सीखते हैं? बड़ों का सीखना बच्चों के सीखने से फर्क कैसे होता है? ज्ञान का निर्माण कैसे होता है? हमारे दिमाग में कैसे कोई अवधारणा आकार लेती है इत्यादि विभिन्न पहलुओं पर फोक किया जाता है।

ज्ञान के बारे में एक बात कही जा सकती है कि यह समय के साथ बदलने वाली चीज़ है। किसी क्षेत्र विशेष में होने वाले शोध व विचार-विमर्श से किसी क्षेत्र के विभिन्न आयामों के नये-नये पहलू हमारे सामने आते हैं। जिसके अनुसार हमें खुद को अपडेट करना होता है। उदाहरण के तौर पर कुछ साल पहले शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक ज्ञान को स्रोत माना जाता था, बच्चे शिक्षक से सीखते हैं इस बात को महत्व दिया जाता था। इसके कारण शिक्षण की सारी विधियों में शिक्षक को एक केंद्रीय स्थान प्राप्त था। लेकिन जैसे-जैसे शिक्षा मनोविज्ञान, दर्शन व शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले विभिन्न शोधों व उसके निष्कर्ष लोगों के सामने आये तो इस अवधारणा में भी बदलाव का रास्ता खुला।

नये विचारों के प्रति खुलापन

रूसो ने कहा था कि बच्चा अपने ज्ञान का मौलिक निर्माता है। शिक्षा के क्षेत्र में इस विचार को आज भी काफी महत्व दिया जाता है। एक  बच्चा खुद से सीखता है, इस अवधारणा की स्वीकृति ने शिक्षकों को एक सुगमकर्ता के रूप में देखने वाले नये नजरिये का निर्माण किया। इसके कारण शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले प्रशिक्षणों में यह बात बार-बार दोहराई गई कि शिक्षक खुद को एक सुगमकर्ता के रूप में देखें और बच्चों को कक्षा में होने वाले संवाद में बराबर भागीदारी का मौका दें। वे बच्चों को सवाल पूछने और अपने सवालों का जवाब लोगों के साथ मिलकर और खुद से खोजने की दिशा में प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करें।

कोई नया विचार धीरे-धीरे स्वीकृति पाता है। किसी काम को करने का सही तरीका सीखने के लिए कौशल विकास की जरूरत होती है। अगर किसी विचार को देखने का हमारा नजरिया शंका से भरा रहे तो शायद हम अपना सौ फीसदी नहीं दे सकते। शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले प्रशिक्षण इन समस्याओं का समाधान तलाशने की दिशा में कोशिश करते हैं। उदाहरण के तौर पर नेतृत्व (लीडरशिप) पर केंद्रित प्रशिक्षण एक प्रधानाध्यापक को संस्था का बेहतर नेतृत्व करने के लिए तैयार करता है तो वहीं भाषा के ऊपर केंद्रित कोई प्रशिक्षण एक भाषा शिक्षक को अपना विषय अच्छे से पढ़ाने के लिए जरूरी कौशल व ज्ञान से लैस करता है।

आखिर में दो बातें

उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए कह सकते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षण की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। इसी कारण से समय-समय पर शिक्षक प्रशिक्षण की बात होती है। हालांकि कई शिक्षकों की शिकायत होती है कि ऐसी कार्यशालाओं के बारे में शिक्षकों की शिकायत होती है कि कुछ नया सीखने को नहीं मिलता। एक ही बात बार-बार दोहराई जाती है। मामला दो-तरफा है।

अगर प्रशिक्षण के लिए आने वाले लोग एक तैयारी के साथ आएं तो प्रशिक्षण देने वाले संदर्भ व्यक्तियों (रिसोर्स पर्सन) पर एक सकारात्मक दबाव होता है कि वे अपनी तरफ से अच्छा प्रयास करें। इसके अभाव में दोनों तरफ से बस खानापूर्ति होती है। ऐसी खानापूर्ति समय की बरबादी कही जा सकती है, जो प्रशिक्षणों के महत्व को कम करती है। व इसके बारे में एक नकारात्मक छवि का विकास करती है। जबकि जरूरत है कि प्रशिक्षणों की गंभीरता व उसकी उपयोगिता में विश्वास की बहाली फिर से हो और सीखने-सीखने का माहौल बने।

वर्तमान में शिक्षक प्रशिक्षण की जगह ‘शिक्षक शिक्षा’ शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। यानि शिक्षक अपने विषय से संबंधित तैयारी खुद करें और अपने पेशेवर कौशलों व क्षमताओं के विकास के लिए पहल करें। वे खुद से सीख सकते हैं। उनको अपने सीखने के तरीके और रुचि के हिसाब से खुद को तैयार करना चाहिए।

(एजुकेशन मिरर की इस पोस्ट से गुजरने के लिए आपका शुक्रिया। अब आपकी बारी है, आप इस लेख के बारे में दूसरों के साथ क्या साझा करना चाहेंगे, लिखिए अपनी राय कमेंट बॉक्स में अपने नाम के साथ। शिक्षा से जुड़े कोई अन्य सवाल, सुझाव या लेख आपके पास हों तो जरूर साझा करें। हम उनको एजुकेशन मिरर पर प्रकाशित करेंगे ताकि अन्य शिक्षक साथी भी इससे लाभान्वित हो सकें।)

4 Comments on प्रशिक्षण का क्या महत्व है?

  1. ASHWANI SURYA // January 6, 2019 at 8:04 am //

    Very ni

  2. AMIT KUMAR // May 16, 2018 at 4:42 am //

    सत्य है

  3. सुन्दर

  4. Bhaskar Mishra // April 12, 2017 at 6:30 am //

    For Educational point

इस लेख के बारे में अपनी टिप्पणी लिखें

Discover more from एजुकेशन मिरर

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading