कितनी महत्वपूर्ण है ‘शिक्षण अभियोग्यता’?

बच्चे पढ़ना कैसे सीखते हैं, पठन कौशल, पढ़ना है समझनाउच्च शिक्षा की तरफ जाने वाले छात्रों का सामना नेट की परीक्षा के दौरान शिक्षण और शोध अभियोग्यता नाम के पर्चे से पड़ता है। शिक्षण अभियोग्यता को अंग्रजी भाषा में टीचिंग एप्टीट्यूट कहते हैं, जो शिक्षण के पेशे के प्रति किसी व्यक्ति के स्वाभाविक रूझान या रूचि के बारे में बात करता है।

इसमें पूछे जाने वाले सवाल होते हैं, “शोध का मुख्य ध्येय क्या है, इसके बहुत से विकल्पों में से सही विकल्प पर टिक लगाना होता है। जैसे इसका जवाब होगा कि शोध का मुख्य उद्देश्य नवीन तथ्यों की खोज करना अथवा ज्ञात तथ्यों की ताज़ा व्याख्या करना है।” मगर क्या इन सवालों को जवाब रट लेना और उनको याद कर लेना काफी है। या फिर यह एक शोधार्थी या शिक्षक के रूझान में स्पष्ट रूप से दिखने वाले गुण की भांति होना चाहिए।

शिक्षण अभियोग्यता का महत्व

टीचिंग एप्टीट्यूड, किसी भी डिग्री से बहुत ज्यादा मायने रखता है। मगर भारत के संदर्भ में यह स्कोर पाने वाला एक विषय बनकर रह गया है। यही कारण है कि कोई प्रोफेसर या शिक्षक अपने स्कूल या यूनिवर्सिटी में मेज पर पाँव रखकर बैठ जाते हैं। बच्चों से सख़्ती से पेश आते हैं। उनके सवालों और जिज्ञासा को संदेह की दृष्टि से देखते हैं और सीखने-सिखाने वाले के बीच छोटे-बड़े का अंतर करते हैं।

कुछ बच्चों को फेवरेट बना लेते हैं और बाकी बच्चों को उनके हाल पर छोड़ देते हैं संघर्ष करने के लिए। इसीलिए शिक्षा में एप्टीट्यूड की बात होती है ताकि इस पेशे में वही लोग आएं जो सच में शिक्षक बनना चाहते हैं। जो खुद अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए स्वाध्याय करते हैं। सह-कर्मियों और छात्रों से संवाद करते हैं। अपनी क्लास को बच्चों के अनुभवों से जीवंत बनाते हैं। वे यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि बच्चे बोर हो रहे हैं या सच मे उनको कुछ समझ में आ रहा है और वे कुछ सीख रहे हैं।

छात्रों के सवाल का क्या जवाब दें?

आज एक विश्वविद्यालय के छात्र ने कहा क्लास में हम कुछ नहीं सीख रहे हैं। वहाँ कोई ढंग की चर्चा नहीं होती। हम क्या करें? मेरा जवाब था कि खुद से पढ़ो और दोस्तों के साथ चर्चा करो। इससे किसी टॉपिक को समझने में मदद मिलेगी। ऐसी क्लास के बारे में किसी शिक्षक साथी को आप क्या फीडबैक दे सकते हैं जो कुछ सुनने और समझने के लिए तैयार नहीं हैं। यह हमारी शिक्षा व्यवस्था की त्रासदी है जो नंबरों को अंतिम सच मानती है और अच्छे नंबर हासिल करने को छात्र जीवन का एकमात्र उद्देश्य समझती है।

1 Comment

  1. टीचिंग एप्टीट्यूड को कम कर नहीं आँका जा सकता है तथापि एटीट्यूड (अभिवृत्ति) की अनुपस्थिति में अभियोग्यता का होना परिणामदायक नहीं होगा ।जबकि अभिवृत्ति धारक निरंतर प्रयास से अभियोग्यता का अर्जन कर सकता है.

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