कविताः माँ होती है जीवन में तो

शिखा अपनी माँ को ‘मदर्स डे’ पर कार्ड देते हुए।
माँ होती है जीवन में तो
नहीं होती कोई कठिनाई
हरदम बनकर माँ रहती है
हम बच्चों की परछाईं
दिखता है माँ हमें सदा ही
प्यार तुम्हारी आँखों में
रसगुल्ले सी बोली तेरी
मिसरी तेरी बातों में
माँ तू राहत, तू ही चाहत
पहचान, मेरी तू, शान तू
तू ही तो है मेरा नाम
तू ही तो मेरा सम्मान
हम बच्चों को धरती पर रहकर
जन्नत का अहसास कराती
नन्हें पंछियों को हौसलों का
बहुत बड़ा आकाश दिलाती
सब सुखों से तुम्हीं कराती
हम बच्चों की मुलाकात
देती जो सदा शीतलता
तू ही है वो चाँदनी रात। – शिखा
(इस कविता की लेखिका शिखा है। आप एजुकेशन मिरर के फ़ेसबुक पेज़ और ट्विटर हैंडल से जुड़ सकते हैं। इसके साथ ही साथ वीडियो कंटेंट व स्टोरी के लिए एजुकेशन मिरर के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। आप भी एजुकेशन मिरर के लिए अपने लेख educationmirrors@gmail.com पर भेज सकते हैं। )
प्यारी सी बच्ची शिखा ने अपनी माँ के प्रति बहुत ही खूबसूरती से अपनी कोमल भावनाएँ प्रकट की हैं, जीवन के हर क्षेत्र में आपको सफलता प्राप्त हो बेटा…