सवालः हर स्कूल में लाइब्रेरी क्यों होनी चाहिए?
दुनिया के विभिन्न देशों में स्थित नामचीन पुस्तकालयों में अध्येता और शोधकर्ता अपना समय व्यतीत करते हैं। अपने अध्ययन के पूरा होने पर ऐसी लायब्रेरी से मिले सहयोग का शुक्रिया अदा करते हैं। आख़िर कुछ तो ख़ास बात होगी इस पुस्तकालयों में जो लोग इतना क़ीमती समय यहां बिताते हैं, अपने मस्तिष्क व मन के लिए खुराक की तलाश करते हैं।
अगर स्थानीय स्तर पर लायब्रेरी की जड़ों को तलाशने की कोशिश करें तो हम पाते हैं कि वहाँ बस पढ़ना सिखाने के लिए पूरा जोर लगाया जाता है। इंसान पढ़ना सीखने के बाद क्या पढ़ेगा? क्यों पढ़ेगा? कैसे पढ़ेगा? पढ़ी जाने वाली सामग्री को समझने के लिए कौन सी रणनीतियों का इस्तेमाल करेगा? ऐसे अनेक सवाल हैं, जो हमारा ध्यान खींचते हैं। ऐसा ही एक बेहद बुनियादी और जरूरी सवाल है कि हर स्कूल में लायब्रेरी क्यों होनी चाहिए?
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