चर्चा: ‘कितना कुछ है जो हमारी ज़िंदगी को प्रभावित कर रहा होता है,धीरे-धीरे’
हमारे मन पर बहुत सारी चीज़ों का असर होता है। बातें, जो हम सोचते हैं। फिल्में, जो हम देखते हैं। किताबें, जो हम पढ़ते हैं।लोग, जिनसे हम मिलते हैं। लोग, जिनके हम बहुत करीब होते हैं। संगीत, जो हम सुनते हैं। जगहें, जहां से हम गुजरते हैं। अपना कमरा, जहाँ हम रात-दिन के कई घंटे गुजारते हैं। वे सवाल, जो कई सालों से हमारा पीछा करते हैं।
जवाब खोजने का तरीका, जो कई सालों के अभ्यास के बाद हमारी रूटीन लाइफ का हिस्सा बनाता है। फलसफे, जिसमें हम यक़ीन करते हैं। फलसफे, जिनके दायरे को तोड़कर बाहर निकलते हैं।
मुहावरे, जिनके परे जाकर हम ज़िंदगी को छूना चाहते हैं। हक़ीक़त, जिनसे हम बचना चाहते हैं और बदलना चाहते हैं। कितना कुछ है जो हमारी ज़िंदगी को प्रभावित कर रहा होता है,धीरे-धीरे।
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