कविताः हमारे ‘मौलिक अधिकार’
हमको मिले हैं छह अधिकार
पहला है समानता का
वहीं दूसरा स्वतंत्रता का अधिकार
आओ मेरे साथ मिलकर
तुम भी कर लो इनको याद।
फिर आता शोषण के विरुद्ध तीसरा अधिकार
और मिला है सबको धार्मिक स्वतंत्रता का चौथा अधिकार
आओ मेरे साथ मिलकर, तुम भी कर लो इनको याद।
अब बारी आई संस्कृति और शिक्षा की, जो है हमारा पाँचवां अधिकार।
संवैधानिक उपचारों को जानो, यह है हमारा छठा अधिकार।
एक मजबूत समाज के लिए, यह हैं हमारे छह अधिकार।
बोलो बच्चों, बोलो बच्चों वह कौन-कौन से हैं अधिकार।
आओ मेरे साथ मिलकर, तुम भी कर लो इनको याद।
एक मजबूत समाज के लिए, यह हैं हमारे छह अधिकार।
(परिचयः शशि कला यादव पूर्व माध्यमिक विद्यालय करमैनी ब्लॉक पिपराइच गोरखपुर में सहायक अध्यापिका हैं। आप 2009 से शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। यह आपका एजुकेशन मिरर के लिए आपका दूसरा लेख है। आपको बच्चों के साथ शिक्षण और रचनात्मक लेखन का क्षेत्र काफी पसंद है।)
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