हिंदी वर्णमाला और वर्तनी का मानक प्रयोग
हिंदी भारत की राजभाषा है। वर्णमाला में सर्वत्र एकरूपता रहे इसके लिए वर्णमाला का मानकीकरण किया गया है। इसमें भी अंग्रेजी की भांति स्वर (vowels) और व्यंजन(consonants) होते हैं। व्यंजन में एक कैटेगरी संयुक्त व्यंजन (consonant cluster) की भी होती है। केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा प्रकाशित एक बुकलेट में यह जानकारी दी गई है।
स्वरः अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
वर्ण, मात्रा का प्रतीक, सीवी (CV) और उससे बनने वाले शब्द
आ (ा)- का- काका
इ (ि)- कि – किताब
ई (ी) – की -कील
उ(ु)- कु – कुत्ता
ऊ(ू)-कू -कूटनीति
ऋ(ृ)-कृ- कृषक
ए(े)- के – केला
ऐ(ै)-कै – कैसे
ओ(ो)-को- कोयल
औ(ौ)-को- कौशल
व्यंजनः
क, ख, ग, घ, ड.
च, छ, ज, झ, ट, ठ, ड, ढ, ण
त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म
य, र, ल, व
श, ष, स, ह
ड़, ढ़
संयुक्त व्यंजनः क्ष, त्र, ज्ञ,
संयुक्त व्यंजन दो व्यंजनों के मिलने से बनते हैं। क्ष, त्र और ज्ञ कैसे बनते हैं, नीचे देखिए।
(क्+ष=क्ष), (त् +र्= त्र), (श्+ र्= श्र)
आधुनिक हिंदी में /ज्ञ/ का उच्चारण ग्य होता है।
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