जीवन से बड़ा कोई शिक्षक नहीं है – महेश भट्ट

Mahesh Bhatt wrote about this image on his twitter page, “In the arms of WONDER !! With Arsheen Namdar who plays the key role of Avni in Naamkaran. “
विविध भारत के साथ एक साक्षात्कार में निर्माता-निर्देशक और लेखक महेश भट्ट ने कहा, “मेरे लिए अगर कोई लाइफ फोर्स रहा है तो वो यू जी कृष्णमूर्ति थे। वो मित्र थे मेरे। उनसे मैंने जितनी हासिल किया है, उसका बयान मुमकिन नहीं है। मेरी प्रेरणा जीवन है। जीवन से बड़ा कोई शिक्षक नहीं है।”
ज़िंदगी से बड़ा कोई शिक्षक नहीं है
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए वे कहते हैं, “मैं कहता हूँ कि अगर आपको फिल्म मेकिंग सीखनी है तो ज़िंदगी से सीखिए। फिल्म मेकर को फिल्म मेकर से ज़िंदगी का एक रंग समझ में आता है, उसका अंदाज समझ में आता है। मगर रा जो पॉवर है वो तो जीवन को जीने से ही आपको महसूस होता है। लाइफ, जीवन, ज़िंदगी से बड़ा कोई शिक्षक नहीं है।”
इस साक्षात्कार में वे आगे कहते हैं, “जबतक आप टूटते नहीं है, बिखरते नहीं हैं, बिखरने के बाद खुद को समेटना नहीं शुरू करते तबतक फिल्म मेकर का ए भी नहीं सीखते आप। तो दर्द तराशता है, दर्द संवारता है, दर्द ही ईंधन है एक कलाकार का। बस वही है जिसे मैं कहता हूँ कि प्रेम मेरा मजहब है, दर्द जो है मेरा मंदिर है, मेरा चर्च है, मेरा मस्जिद है।”
वर्तमान दौर के बारे में वे कहते हैं, ” हम दुनिया को बचाकर रख ही पाएं तो बहुत बड़ी बात होगी।…अगर आप आपस में ही टूट गए तो बड़ी-बड़ी इमारतें बनाके, तरक्की करके कुछ होगा नहीं। तो फिर आप रईस कहने के लिए होंगे। अंदर से बहुत गरीब होंगे। हम दूसरों के दर्द से, तकलीफ से कहीं न कहीं कट गए हैं…हर पैगंबर ने आके जो प्रयास किया था वो इसी क्षेत्र में किया था कि किसी तरह वो आपको, आपके पड़ोसी से जोड़े। कला भी लोगों को जोड़ने का प्रयास करती है। एक बहुत खौफजदा दौर है। ऐसा लगता है सब एक-दूसरे से मुँह फेर के बैठे हैं। कहीं पर कला के जरिए किसी प्रेरणा के जरिए आदमी को अपने करीब लाने की जरूरत है। पर तस्वीर तभी बदलेगी जब आदमी अपने अंदर के उस महात्मा से मिलेगा जिसे उसने दफ़न करके रखा है। हर व्यक्ति के अंदर कोई एक महात्मा है जो अंदर उसके दफ़न है। जब उसका मिलना उसके साथ होगा तो कहीं पर कुछ बदलेगा।”
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