छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करने वाली 10 ख़ास बातें क्या है?
ऐसी कौन सी ख़ास बातें हैं जो छात्र/छात्राओं को सीखने के लिए प्रेरित करती हैं? यह एक बेहद अहम सवाल है। इस सवाल का जवाब हमें सभी छात्रों को सीखने के लिए प्रभावशाली रणनीति बनाने में मदद करेगा।
आमतौर पर छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करना एक मुश्किल काम है क्योंकि आज के दौर में छात्रों के सामने बहुत सी चीज़ें हैं जो उनका ध्यान आकर्षित करती है। स्कूल के समानांतर समाज का स्कूल चल रहा है और डिजिटल एक्सपोज़र भी काफी हद तक बढ़ गया है, जिसमें बहुत सारे फैक्टर्स छात्रों का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं।
‘स्टूडेंट्स को मिले लीडरशिप का अनुभव’
सभी विद्यार्थियों (या छात्र-छात्राओं) को सीखने के लिए प्रेरित करना काफी फ़ायदेमंद हैं क्योंकि प्रेरित छात्र सीखने और क्लासरूम में भागीदारी के लिए ज्यादा उत्सुक होते हैं। प्रेरित छात्रों से भरी हुई एक क्लास को पढ़ाना एक शिक्षक के लिए आनंददायक अनुभव होता है। इस क्लासरूम का माहौल छात्रों को भी भागीदारी के लिए आकर्षित करता है। उदाहरण के तौर पर 2003 के आसपास उत्तर प्रदेश के एक इंटर कॉलेज में अंग्रेजी का कालांश 8वें घंटे में रखा गया था ताकि छात्र आखिरी कालांश तक स्कूल में रूकें। इस इण्टर कॉलेज में अंग्रेजी के शिक्षक के पढ़ाने का तरीका और छात्रों के साथ बातचीत का तरीका ऐसा था कि सारे छात्र 8वें कालांश का इंतज़ार करते थे। इस विषय में छात्रों की भागीदारी काफी अच्छी थी और हर किसी को अपनी बात रखने और सवाल पूछने का मौका मिलता था।
कैटरीना शेचवार्ट्ज़ लिखती हैं, “शिक्षकों व शिक्षक प्रशिक्षकों के बीच अक्सर इस मुद्दे पर बात होती है कि शिक्षा में सुधार कैसे करें? क्लासरूम में सभी बच्चों तक कैसे पहुंचे? उनको कौन से कौशल सिखाएं जाएं जिसकी जरूरत उनको कॉलेज या विश्वविद्यालय की पढ़ाई के दौरान पड़ेगी। मगर यह सारी बात वयस्कों के बीच में ही होती है। वास्तव में किसी विचार का असली परीक्षण क्लासरूम में होता है, हालांकि ऐसा बहुत कम ही होता है कि जब हम छात्रों से पूछते हैं कि वे अपनी शिक्षा के बारे में क्या सोचते हैं? वे अपनी कक्षा में किस तरह की भागीदारी और किस तरह के अवसर चाहते हैं?”
छात्रों का एक प्रोजेक्ट कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदर्शित किया गया

राजस्थान में चल पुस्तकालय का मॉडल पेश करते हए छात्र।
कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के एक प्रोजेक्ट के तहत “स्कूल में पढ़ने वाले सात छात्रों का एक पैनल बनाया गया, जो अधिगम को ज्यादा सघन बनाने के लिए काम करता है। इसमें छात्रों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय साझा की जाती है जैसे कि उनके लिए सीखने या अधिगम के क्या मायने हैं? प्रशिक्षक स्कूल में रचनात्मकता, सहयोग, विश्वास, फेल होने को लेकर सहजता भरा माहौल कैसे बना सकते हैं, जिसमें छात्र खुद से भागीदारी करना चाहें।”
दुनिया के बहुत से विकसित और विकासशील देशों में प्रोजेक्ट आधारित काम को काफी महत्व दिया जाता है। छात्रों के पैनल ने प्रोजेक्ट को विभिन्न विषयों को एक साथ मिलाकर करने को प्रोत्साहित किया। ताकि हर विषय के प्रोजेक्ट अलग-अलग बनाने की बजाय विभिन्न विषयों में रुचि रखने वाले छात्र एक साथ मिलकर काम कर सकें। एक छात्र ने कहा कि इस तरह से प्रोजेक्ट बनाने से हर छात्र को अपनी पसंद का कोई न कोई काम मिल जाता। एक ही प्रोजेक्ट को अलग-अलग पहलू से देखने का भी मौका छात्रों को मिला।
इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक शिक्षक ने कहा, “छात्रों के साथ बड़ों जैसा व्यवहार करना चाहिए। यानि उनके विचारों को महत्व देना चाहिए। अपने काम को करने का तरीका चुनने और उसे क्रियान्वित करने की आज़ादी देनी चाहिए। क्योंकि अगर छात्र मानते हैं कि वे किसी काम को करने में सक्षम हैं तो वे वयस्कों की भांति ही काम करेंगे। कई बार वयस्कों से ज्यादा लचीले और आपसी सहयोग की भावना के साथ काम करेंगे।”
अलग-अलग विषयों को शामिल करके प्रोजेक्ट कैसे बनाएं?
छात्रों ने एक प्रोजेक्ट के बारे में बताया कि बीमारियां कैसे होती हैं, इस टॉपिक पर उनको शोध करना था। इस थीम पर एक प्रोजेक्ट बनाना था। इस प्रोजेक्ट में जीव विज्ञान और कला को शामिल किया गया था। छात्रों ने इसके लिए बेहद अलग तरीका अपनाया- उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों से बात की और उनके अनुभवों का वीडियो बनाया। इसमें उन्होंने यह जानने का भी प्रयास किया कि क्या अमुक बीमारियां आनुवांशिक प्रकृति हैं।
एक छात्रा शुरूआत में इस प्रोजेक्ट को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं थी। लेकिन बाद में उसको यह प्रोजेक्ट पसंद आया क्योंकि उसे कला में काफी दिलचस्पी थी। एक छात्र ने कहा, “हमने शिक्षकों के निर्देश में खुद अपनी-अपनी समस्या का समाधान खोजा। यह काफी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि हमें पता नहीं था कि हम किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन मुझे हमेशा लगा कि हम सर्वश्रेष्ठ समाधान खोज पा रहे थे।”
छात्र इस बात को लेकर भी काफी उत्साहित दिखे कि उनका प्रोजेक्ट एक वास्तविकता में तब्दील हो गया था, जिसे वे लोगों के देखने के लिए प्रदर्शित कर सकेंगे। इस प्रोजेक्ट को कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय द्वारा चुना गया और सैन डियागो की आर्ट गैलरी में इस प्रदर्शित किया गया। एक छात्र ने कहा, “प्रदर्शनी के समय यह प्रोजेक्ट एक वास्तविकता के रूप में हमारे सामने था। यह कोई ऐसी चीज़ नहीं थी, जिसे हम केवल ग्रेड के लिए कर रहे थे। बल्कि यह एक ऐसी चीज़ थी जिसमे हम अच्छे से और सुंदरता के साथ कर सकते थे।”
छात्रों को प्रेरित करने वाली 10 ख़ास बातें
- छात्रों के स्तर के अनुरूप चुनौती रखें और उनको समाधान खोजने के लिए सकारात्मक प्रतिस्पर्धा करने का अवसर दें।
- अपने कालांश की शुरूआत सवालों के साथ करें, जवाब के साथ नहीं – सवालों का पहले से तय जवाब रटना बोरियत भरा होता है। सवालों से शुरूआत करके आप छात्रों की सीखने में रूचि को बनाए रख सकते हैं।
- छात्रों को अपने सर्वश्रेष्ठ अनुभवों से सीखने, आगे बढ़ने का अवसर और माहौल दें
- छात्रों को ऐसे असाइनमेंट दें, जो उनकी रूचि के साथ मेल खाते हों।
- छात्रों को खुद से करके सीखने का अनुभव दें
- छात्रों को यह अहसास दिलाएं कि आप बतौर शिक्षक उनकी परवाह करते हैं और मदद माँगना (Help seeking behavior) एक सकारात्मक व्यवहार है।
- छात्रों को उनकी प्रगति के बारे में व्यक्तिगत फीडबैक भी दें और सुधार के क्षेत्रों की पहचान में सहयोग दें।
- छात्रों को स्थानीय परिवेश के साथ अपने ज्ञान व समझ को जोड़ने का अनुभव दें।
- क्लासरूम में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने वाली रणनीतियां अपनाएं और छात्रों को सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करें।
- किसी विषय की गहराई में उतरना छात्र/छात्राओं में एक विशेष रूचि का निर्माण करता है जो ज्यादा दीर्घकालीन होती है। ऐसा करने के लिए आप किसी विषय पर क्रमबद्ध तरीके से पूरे सप्ताह या लगातार सीखने वाले अवसर का सृजन कर सकते हैं।
(आप एजुकेशन मिरर को फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो कर सकते हैं। अपने आलेख और सुझाव भेजने के लिए ई-मेल करें educationmirrors@gmail.com पर और ह्वाट्सऐप पर जुड़ें 9076578600 )
Thanks a lot.
Amazing👍
बहुत सुन्दर जानकारी।धन्यवाद
Ji Sir student hi future h.
Jo kl ko badal sakte h
it’s true ……ye 10 bate kisi bhi student ki life me shamil kar di jaye to uski zindagi bilkul change ho sakti hai.