Trending

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से RMSA और SSA को मिलाने पर हो रहा है विचार

a-student-making-picture-in-government-school-of-indiaसाल 2011 में 65वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश को संवोधित करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था, “चाहे प्राथमिक शिक्षा हो, माध्यमिक शिक्षा हो या उच्चा शिक्षा, हमने सभी स्तरों पर सुधार के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं।”

उन्होंने आगे कहा था, “आज हर नागरिक को प्राथमिक शिक्षा का अधिकार है। हम अब माध्यमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण पर भी विचार कर रहे हैं।” वर्तमान केंद्र सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और सर्व शिक्षा अभियान (SSA) को मिलाने की योजना पर काम कर रही है।

RMSA और SSA के विलय पर विचार

girls-education-in-indiaइस आशय की एक रिपोर्ट डीएनए इंडिया डॉटकॉम की वेबसाइट पर प्रकाशित हुई। इस रिपोर्ट में कृतिका शर्मा लिखती हैं, “केंद्र सरकार शिक्षा की पहुंच का दायरा पहली कक्षा से लेकर 10वीं तक बढ़ाने हेतु शिक्षा की गारंटी देने वाली दो महत्वपूर्ण योजनाओं को आपस में मिलाने पर विचार कर रही है।”

वर्तमान में शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लिए संचालित सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) पहली से आठवीं तक के बच्चों के लिए हैं। जबकि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) 9वीं और 10वीं तक के बच्चों के लिए है।

दोनों योजनाओं के उद्देश्य में समानता है

भारत में शिक्षा का अधिकार क़ानून एक अप्रैल 2010 से लागू किया गया। इसे पाँच साल पूरे हो गए हैं। इसके तहत 6-14 साल तक की उम्र के बच्चों को अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया गया है।

इस सिलसिले में पिछले सप्ताह मंत्रालय में बैठक हुई और आने वाले दिनों में सचिवों का एक समूह इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट पेश करेगा। चर्चा के दौरान इस बात पर आम सहमति बनी कि दोनों योजनाओं के उद्देश्य में समानता है, इसलिए इनका आपस में विलय करना अच्छा होगा। इस विलय की प्रक्रिया कैसे पूरी होगी, इसकी रूपरेखा तैयार की जडा रही है, इस आशय की जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा साझा की गई।

दोनों योजनाओं को आपस में मिलाने की एक प्रमुख वजह आवंटित धनराशि का उपयोग न हो पाना है। एसएसए और आरएमएसए के लिए अलग-अलग बजट आवंटित होता है।

एक अलग योजना का निर्माण इसलिए किया गया था क्योंकि शिक्षा का अधिकार कानून केवल आठवीं तक के बच्चों के लिए था और सरकार को एक ऐसी योजना की जरूरत थी जो 8वीं के बाद बच्चों को आगे  पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन दे सके।

आवंटित बजट के इस्तेमाल में लचीलापन बढ़ेगा

note

वर्तमान में RMSA और SSA के लिए बजट का आवंटन अलग-अलग होता है।

वर्तमान में एक योजना के लिए निर्धारित धनराशि का इस्तेमाल दूसरी योजना के लिए नहीं किया जा सकता है। ऐसे में वे राज्य जिन्होंने प्राथमिक शिक्षा में संतोषजनक प्रगति कर ली है और बड़े बच्चों पर ध्यान देना चाहते हैं वे बजट का इस्तेमाल उनके लिए कर सकते हैं।

इस विलय के बजट के इस्तेमाल में लचीलेपन को बढ़ावा मिलेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से इस बात का जिक्र भी रिपोर्ट में किया गया है।

ऐसे फैसले का असर ज़िला स्तर पर डाइट, माध्यमिक शिक्षा विभाग और प्राथमिक शिक्षा विभाग के बीच तालमेल और समन्वय बढ़ेगा। यह उम्मीद भी जताई जा रही है।

 

इस लेख के बारे में अपनी टिप्पणी लिखें

%d