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शिक्षा विमर्शः अच्छा फीडबैक कैसे दें?

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बच्चों के साथ संवाद करते हुए शिक्षिका उषा छाबड़ा।

अच्छा फीडबैक देना एक ‘कला’ है। इसे निरंतर अभ्यास और अनुभवों से निखारा जा सकता है। जब आप किसी व्यक्ति को उसके किसी काम के बारे में, किसी व्यवहार के बारे में, किसी प्रयास के बारे में फीडबैक दे रहे हों, तो यह ध्यान रखना जरूरी है कि सामने वाला व्यक्ति फीडबैक लेने के लिए तैयार है कि नहीं। क्योंकि फीडबैक देने के साथ-साथ ग्रहण करने की भी चीज़ है।

किसी भी तरह का फीडबैक स्वीकार करना हर किसी के लिए बहुत मुश्किल होता है, ऐसे में जरूरी है कि हमारी भाषा में आत्मीयता हो। हम सामने वाले तक यह बात पहुंचा सकें कि फीडबैक देना का उद्देश्य उसकी आलोचना करना नहीं, बल्कि उनके विकास में योगदान देना है। इस बात का सामने वाले व्यक्ति पर सकारात्मक असर होता है और वह मिलने वाले फीडबैक का बचाव करने की जगह उसका स्वागत करता है।

फीडबैक तथ्य पर आधारित और पूर्वाग्रह से मुक्त हो

हमें अपनी ज़िंदगी में अगर किसी से फीडबैक या कोई महत्वपूर्ण सुझाव मिले तो हमें उनका शुक्रिया जरूर अदा करना चाहिए। क्योंकि उन्होंने अपनी व्यस्त दिनचर्या में से आपके लिए वक्त निकाला है और वे चाहते हैं कि आप अपनी सोच, विचार, काम, व्यवहार और प्रयास में बदलाव करके खुद के विकास को एक सही दिशा दे सकें।

इस तरह के किसी संवाद में सामने वाले के साथ ‘सहज’ होना बेहद जरूरी है। आमतौर पर समाज के रोज़मर्रा के अनुभवों में हर कोई किसी तरह के मूल्यांकन या जजमेंटल विचार से खुद को बचाना चाहता है, और यह बेहद स्वाभाविक भी है। इसलिए हमारी बातचीत से यह साफ़ होना चाहिए कि हम सामने वाले इंसान के बारे में कोई जजमेंट नहीं बना रहे हैं और न ही उसका मूल्यांकन कर रहे हैं। किसी फीडबैक या सुझाव का सटीक होना हमारे आब्जर्बेशन या अवलोकन पर काफी हद तक निर्भर करता है। इसलिए अवलोकन की वस्तुनिष्ठता और सटीकता बेहद जरूरी है। इससे आप फीडबैक देते समय केवल उन्हीं तथ्यों की बात करते हैं, जो आपने देखे हैं। इसके साथ ही आप सामने वाले को अपने क्लासरूम के अनुभवों या जीवन के अन्य अनुभवों पर विचार करने का अवसर देते हैं।

समस्याओं के समाधान खुद से खोजने का अवसर दें

किसी समस्या के समाधान के लिए हम सामने वाले को खुद से प्रयास करने का अवसर दें। अगर उसे सपोर्ट की जरूरत है तो अपने साथी शिक्षकों की मदद लेने के लिए कह सकते हैं। अगर वहां से भी समस्या का समाधान नहीं होता है तो वैकल्पिक समाधान के बारे में मिलकर बात की जा सकती है कि इसका समाधान कैसे हो सकता है। अगर कोई समाधान किसी अन्य शिक्षक साथी द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है तो उसके बारे में भी बताया जा सकता है। मगर साथ ही शिक्षक को उस समाधान को अपनाने या किसी अन्य समाधान की तलाश करने का विकल्प देना चाहिए। इससे जो भी समाधान निकलेगा, वह उनका अपना समाधान होगा। वे उसे ज्यादा जिम्मेदारी के साथ कक्षा में लागू करने की कोशिश करेंगे और कहीं पर परेशानी होने पर अन्य शिक्षकों की सलाह से वे अपने समाधान को बेहतर बनाने का प्रयास भी करेंगे।

महत्वपूर्ण बिंदु

  1. फीडबैक देते समय आप केवल उसी परिस्थिति की बात करें, जिसका आपने अवलोकन किया है। इस दौरान पिछली बार हुई चर्चा का सारांश जरूर साझा करें।
  2.  शिक्षक की किसी अन्य से तुलना न करें।
  3. फीडबैक की चर्चा तथ्य आधारित हो, इसका ध्यान रखना जरूरी है।
  4. अपने अवलोकन में अगर किसी ‘पैटर्न’ की पहचान करें तो उसके बारे में बात करें। ताकि सामने वाले व्यक्ति को उसके बारे में फिर से विचार करने का मौका मिल सके।
  5. फीडबैक का उद्देश्य सामने वाले व्यक्ति के विकास में योगदान देना है, इसका ध्यान पूरी बातचीत के दौरान जरूर रखें।

3 Comments on शिक्षा विमर्शः अच्छा फीडबैक कैसे दें?

  1. Savita uikey // September 16, 2018 at 3:59 pm //

    कॉलेज का फीडबैक किस प्रकार से तैयार करें एवं प्रेजेंटेशन के लिए फ़ाइल में कैसे लिखें

  2. बहुत-बहुत शुक्रिया जितेंद्र। शिक्षक को सेल्फ-रिफलेक्शन का अवसर देने वाले महत्वपूर्ण बिंदु की तरफ ध्यान दिलाने के लिए। शिक्षक के अच्छे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम के बारे में बताना, उस चीज़ की निरंतरता को प्रोत्साहित करेगा।

    यह बात वास्तव में ग़ौर करने वाली है कि बग़ैर फीडबैक के शिक्षक खुद से भी कुछ चीज़ों को बेहतर करने वाले क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, यह शिक्षक को स्वायत्ता देने वाली बात है।

    शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने वाले हम सभी लोग यही चाहते हैं कि शिक्षक अपनी समस्याओं और चुनौतियों का समाधान खुद से खोजने की दिशा में आगे बढ़ें। ऐसे बिंदु पर योजना बनाने से विचार को क्रियान्वयन तक ले जाने में मदद मिलेगी और इसका फायदा बच्चों को मिलेगा।

  3. jitendra sharma // October 13, 2017 at 12:22 am //

    Sikshak ko self reflacation karvana .
    Koi acchi activity jo kisi other teacher ne ki ho or uske sakaratmak parinam aaye ho share karna.
    Jo feedback diya gaya h ya sikshak khud se malum chal h usko improvement ki planing par bhi discussion karna.

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