शिक्षक प्रोत्साहन सिरीजः ‘नीलभ कहते हैं मुझे जसलीन मैम के पढ़ाने के तरीके बहुत याद आते हैं
निलभ ठाकुर, एस डी पब्लिक स्कूल, पीतमपुरा, दिल्ली
बात उन दिनों की है जब मैं एसडी पब्लिक स्कूल में दाखिल हुआ। मैं उस समय कक्षा तीन में था। मुझे कक्षा अध्यापिका के रूप में जसलीन मैडम मिली। उनका पूरा नाम श्रीमति जसलीन छग्गर है। वह ईवीएस की शिक्षिका हैं।
वे बच्चों के साथ भेदभाव नहीं करतीं और उनसे बहुत प्यार करती हैं। वह हमारी गलतियां होने पर समझाती थीं और हल्का-फुल्का डांट देती थीं।
‘बार-बार सवाल पूछने पर मैम डांटती नहीं’
उनके पढ़ाने में कोई ऊबता नहीं था। किसी विषय को समझाने के लिए वो हमें चित्र दिखाकर, कल्पना करवाकर और वीडियो दिखाती थीं।
वो किसी भी प्रश्न को बार-बार पूँछने पर हमें डांटती नहीं थीं और उस प्रश्न को स्पष्ट करके समझाती थीं। इसलिए वे मुझे पसंद हैं।
आज जब मैं कक्षा 6 में हूँ तो मुझे उनके पढ़ाने के तरीके बहुत याद आते हैं।
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नीलाभ आपने बहुत अच्छा लिखा है. सवाल करणे की अनुमती देनेवाले शिक्षक बहुत कम होते है, इसलिये वह याद भी रहते है. मुझे भी वही शिक्षक अब तक याद है जो सवाल करणे पर कभी नाराज नही होते. आप ऐसे ही आगे लिखते रहिये.
वेरी नाइस नीलाभ ! सच्चाई और अच्छाई ज़रूर प्रसारित करनी चाहिए….
शुभकामनाएं….
सच्चाई से बयां किया गया है । बहुत खूब नीलाभ।
Very nice Nilabh…