मिशन प्रेरणाः वाराणसी जिले का पहला प्रेरक संकुल बना ‘लोहराडीह’
22 जनवरी 2021 को उत्तर प्रदेश में वाराणसी जिले के सेवापुरी विकास खण्ड में स्थित प्राथमिक विद्यालय नहवानीपुर में मिशन प्रेरणा के अंतर्गत ‘शिक्षक संकुल’ बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में मिशन प्रेरणा के अन्तर्गत भाषा और गणित के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की रणनीति के बारे में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) सारनाथ, वाराणसी के प्राचार्य उमेश कुमार शुक्ल ने काफी विस्तार से बताया।
उन्होंने इस बैठक की शुरूआत से पहले नहवानीपुर विद्यालय के मोहल्ला क्लास का अवलोकन किया और बच्चों से गणित के सवाल हल करने, हिन्दी की किताब से पढ़ने, कविताएं और कहानियां सुनाने के लिए कहा। इस अवलोकन में उन्होंने मिशन प्रेरणा के अंतर्गत भाषा व गणित की उपलब्धि छात्रों के कक्षा स्तर के अनुरूप पाई गई। इसके लिए उन्होंने विद्यालय के नेतृत्व और शिक्षकों के प्रयासों को प्रोत्साहित करते हुए संकुल के अन्य विद्यालयों को प्रेरित करने के लिए कहा।
भाषा शिक्षण के लिए सार्थक शब्दों को बनाएं आधार
शिक्षक संकुल की बैठक को संबोधित करते हुए डायट, सारनाथ, वाराणसी के प्राचार्य उमेश कुमार शुक्ल ने कहा, “मिशन प्रेरणा के अंतर्गत निर्धारित भाषा के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हमें प्रतिदिन बच्चों को मौखिक रूप से कहानी सुनाने और बच्चों को फिर वही कहानी अपने शब्दों में सुनाने का अवसर देना होगा। ऐसा करने से बच्चों की मौखिक भाषा की समझ बेहतर होगी और उनका शब्द भण्डार समृद्ध होगा। यह प्रक्रिया भविष्य में बच्चों को समझ के साथ पढ़ने की दिशा में लेकर जायेगी। भाषा शिक्षण के लिए परंपरागत रूप से प्रचलित वर्ण पद्धति की बजाय सार्थक शब्दों को आधार बनाना ही प्रेरणा लक्ष्य को हासिल करने का मूलमंत्र है। इस बात का सदैव ध्यान रखने वाले शिक्षकों को भाषा का प्रेरणा लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।”
गणित में बच्चों के पूर्व ज्ञान व गतिविधि से हासिल होगा प्रेरणा लक्ष्य
उन्होंने आगे कहा, “वहीं गणित के लिए बच्चों के गणना कर पाने संबंधी पूर्व ज्ञान को सार्थक चित्रों व संख्या ज्ञान से जोड़कर प्रेरणा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। इकाई के लिए गोली और दहाई की अवधारणा पर काम करने के लिए माला जैसे टीएलएम का इस्तेमाल करें ताकि बच्चें इकाई और दहाई दोनों अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझ पाएं। इसके बाद जोड़, घटाव, गुणा और भाग की अवधारणा को पुख्ता करने पर सक्रिय ढंग से काम किया जाये तो गणित का भी प्रेरणा लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। वहीं 6ठीं से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पाँचवीं तक का प्रेरणा लक्ष्य हासिल हो ऐसा सुनिश्चित करने की रणनीति बनाने और उसे क्रियान्वित करने की जरूरत है ताकि उच्च प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ रहे बच्चों को भी पर्याप्त सहयोग मिल सकें।”
इस बैठक में विकास खण्ड सेवापुरी के लोहराडीह संकुल के अंतर्गत आने वाले सभी 10 विद्यालयों ने 26 जनवरी को लिखित रूप से अपने विद्यालय को ‘प्रेरक विद्यालय’ घोषित करने का संकल्प लिया। इस बैठक में प्राथमिक विद्यालय नहवानीपुर के प्रधानाध्यापक चक्रधरचंद्र चौबे ने बच्चों से जुड़ाव, अभिभावकों से सक्रिय संपर्क, काम की निरंतरता और मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व जिला स्तर से मिलने वाले प्रोत्साहन व सहयोग को अपने विद्यालय के प्रेरक बनाने का आधार बताया। इस बैठक में डायट प्रवक्ता डॉ. नग़मा परवीन व डॉ. लालधारी यादव, संकुल प्रभारी महेश कुमार वर्मा और वाराणसी जिले के प्रेरणा साथी रूम टू रीड से वृजेश सिंह और प्रथम संस्था से कुंज बिहारी मौजूद रहे। संकुल की बैठक के लिए इस विद्यालय का चुनाव इसलिए किया गया ताकि अन्य विद्यालय के प्रधानाचार्य व सहायक शिक्षकों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहन मिले और अपने नजदीकी विद्यालय के अनुभवों को वे भी अपने-अपने विद्यालय में क्रियान्वित कर सकें।
(आप एजुकेशन मिरर को फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो कर सकते हैं। वीडियो कंटेंट व स्टोरी के लिए एजुकेशन मिरर के यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें। )
सराहनीय