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क्यों डरेंः जब ‘समस्याएं, समाधान लेकर आती हैं’

Personal Developmentहर दिन हमारे सामने कोई न कोई समस्या आती है। यह प्रकृति में छोटी या बड़ी हो सकती है। बहुत सी समस्याओं का समाधान चुटकियों में हो जाता है। तो कुछ समस्याओं के समाधान के पहले हमें सोचना पड़ जाता है कि ऐसी परिस्थिति में क्या करें?

ऐसी परिस्थिति में हमें अपनी क्षमताओं और रुचि को ध्यान में रखते हुए समस्याओं के समाधान की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए ताकि हम अपनी ऊर्जा आख़िरी लम्हे के लिए बचाकर रख सकें। जब हम काम के आख़िर में होंगे और हमारा मन उस काम से मुक्ति के लिए पूरा जोर लगा रहा होगा।

प्राथमिकता तय करें

कई बार पोस्ट लिखते समय प्राथमिकताओं को निर्धारित करना मुश्किल हो जाता है कि किस मुद्दे पर पहले लिखा जाये? ऐसी स्थिति में उन अनुभवों को लिखने में पहली प्राथमिकता दी जाती है जो ताज़े हैं, क्योंकि कासेप्ट वाले मुद्दे पर तो कभी भी लिखा जा सकता है। मगर रोज़मर्रा के अनुभवों की जमा पूंजी से निकले विचार आने वाले दिनों में सहज रहने का सूत्र दे जाते हैं। उदाहरण के तौर पर आज फोण्ट कैसे बदलें? इस सवाल से सामना हुआ तो बहुत सी छोटी-छोटी बातें पता चलीं जैसे एक सॉफ्टवेयर है राजभाषा का जहाँ हम यूनिकोड से क्रुतिदेव और क्रुतिदेव से यूनिकोड में फोण्ट बदल सकते हैं। कई बार दोस्तों के फ़ोन और मैसेज मिलते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या किया जाये।

समाधान को महत्व दें

इस समस्या के समाधान की प्रक्रिया में पता चला कि यह फोण्ट परिवर्तक एक बार ओपन होने के बाद ऑफ़लाइन भी काम करता है। अगर हमें किसी एक फोण्ट के डॉक्युमेंट को किसी अन्य फोण्ट में परवर्तित या एडिट करना है तो हम दोनों फोण्ट परिवर्तन वाले लिंक एक साथ ओपन करके। अपना काम आसानी से कर सकते हैं। हम जिस फोण्ट में टाइप करते हैं, उस फोण्ट में दी हुई सामग्री को बदलकर उसे बेहद आसानी से एडिट किया जा सकता है और एडिट की गई सामग्री को फिर से मनचाहे फोण्ट में बदला जा सकता है। यह तो रही बात फोण्ट बदलने की।

मन की ख़ुशी का रखें ध्यान

लेकिन कभी-कभी दिन की गहमा-गहमी के कारण मन थक सा जाता है। ऐसे माहौल में मूड बदलने के लिए संगीत का सहारा लिया जा सकता है। ऐसे मौके पर वे गाने काम आते हैं जो हमारे मन में गूंज रहे होते हैं। या फिर जिनकी धुन नई होती है। इस नयेपन से हमें अपने व्यस्त दिनचर्या से अपने लिए सुकून के लम्हे चुराने में मदद मिल जाती है। तो फिर देर किस बात की आप भी ऐसे तरीकों को अपने जीवन में अपनाएं ताकि समस्याओं को समाधान में बदला जा सके। जीवन की डगर को आसान बनाया जा सके। ख़ुशी को मन की खिड़की से झांकने का अवसर दिया जा सके। फिर मिलते हैं ऐसी उपयोगी बातों के साथ किसी अन्य पोस्ट में।

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