कविता के माध्यम से बच्चों को कैसे समझाएं ‘पदार्थों का पृथक्करण’?
ज़ैतून ज़िया पिछले 5 सालों से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही हैं। वर्तमान में आप उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सहायक अध्यापक के रूप में उच्च प्राथमिक विद्यालय गाजू, विकास खण्ड कछौना में काम कर रही हैं। आपको लिखना और पढ़ना दोनों बेहद पसंद हैं। इसके साथ ही विज्ञान शिक्षण को रोचक बनाने का प्रयास कर रही हैं। बतौर शिक्षक आपके पास निजी और सरकारी दोनों तरह के विद्यालयों में पढ़ाने का अनुभव है।
विज्ञान विषय के विभिन्न टॉपिक को कविताओं के माध्यम से कैसे पढ़ाया जाए, इस दिशा में वे रचनात्मक समाधान तलाशने की दिशा में कविताओं का लेखन कर रही हैं। इस सिलसिले में पढ़िए उनकी एक कविता पदार्थों का पृथक्करण। इसे बेहतर बनाने के लिए अगर आपके सुझाव हैं तो जरूर बताएं ताकि उनके प्रयास को एक सही दिशा मिल सके और अंततः बच्चों को मदद करने के उद्देश्य को हासिल करने में सफलता प्राप्त कर सके।
कक्षा -6
पाठ -3
“”पदार्थों का पृथक्करण””
खेल है सब के मन को भाए
नन्हे बच्चे खेलने आए.
थी धूप और मई का महीना
लगा निकलने सबके पसीना.
खूब खेल के थक गए
जब वो सारे छक गए.
तब वापस कक्षा में आए
गुरु जी शरबत दिए बनाये.
थोड़ा थोड़ा बंटा फिर सबमे
आयी स्फूर्ति तब जा के तन में.
गुरूजी बोले मोहन आओ
शरबत कैसे बना बताओ.
मोहन बोला बहुत सरल है
इस मिश्रण में नींबू, चीनी व जल है.
मिश्रण सुन के सोहन चौका
बोला शरबत है ! मोहन को टोका.
गुरूजी ने फिर सार बताया
मिश्रण क्या है ये समझाया.
दो या दो से अधिक पदार्थ
जब मिलें किसी भी अनुपात.
मिश्रण इसे हम कहते हैँ
यह दो प्रकार के होते हैँ.
समांगी और विषमांगी मिश्रण
किया बोर्ड पर इसका चित्रण.
समांगी मिश्रण वो होता है
जिसमे दो या अधिक अवयव मिले
पर अलग अलग ना दीख पड़ें
जैसे वायु, दूध, समुद्री जल
और कोल्ड्रिंक्स की बोतल .
विषमांगी इसका उल्टा है !
अवयव अलग अलग हैँ दिखते
आओ देखें इसको कर के.
काजल थोड़ी बालू लाई
लोहे की छीलन गई मिलाई.
अवयव अलग अलग हैँ दिखते
इसको ही विषमांगी कहते.
गुरूजी बोले…..
यह अवयव अब कैसे अलग करें
कंचन बोली….
गुरु चुम्बक से इन्हे पृथक करें
चुम्बक ले जायेगा छीलन सारी
बालू यहीं रह जाये बेचारी
यह है पृथक्करण विधि
सब बच्चों में अब होड़ सधी
सीखेंगे हम सब बढ़-चढ़ कर
विज्ञान को मनोरंजक बनाकर.
(आपको जैतून जिया की लिखी यह कविता कैसी लगी। पोस्ट के नीचे कमेंट बॉक्स में टिप्पणी करके अपनी राय जरूर साझा करें।)
Good way to teach science