कैसी होती है ‘अध्यापक केंद्रित कक्षा’?

जॉन डिवी का मानना था कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो स्कूल छोड़ने के बाद भी काम आए।
वर्तमान में बाल केंद्रित शिक्षण के तौर-तरीकों को अपनाने की बात शिक्षा के क्षेत्र में कही जा रही है। लेकिन बाल केंद्रित शिक्षण को समझने के लिए यह जानना भी जरूरी है कि अध्यापक केंद्रित कक्षा कैसी होती है? यह समझ हमें अध्यापक केंद्रित कक्षा से बाल केंद्रित कक्षा की तरफ जाने की दिशा में बढ़ने और सोचने में काफी मदद करेगी। अध्यापक केंद्रित कक्षा की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैंः
- अध्यापक केंद्रित कक्षा में कुर्सी की अवधारणा सबसे महत्वपूर्ण होती है। शिक्षक कुर्सी पर बैठते हैं और बाकी बच्चे अपनी बेंच या दरी पर बैठते हैं। शिक्षक और बच्चों के बीच में एक निश्चित फासला होता है।
- अध्यापक केंद्रित कक्षा में शिक्षक निर्देश देते हैं और बच्चे सुनते हैं। बच्चों से अपेक्षा होती है कि वे शिक्षक की आज्ञा का पालन करेंगे और अनुशासन में रहेंगे।
- अध्यापक पाठ्यपुस्तक पढ़ते हैं, ब्लैकबोर्ड पर सवाल और उत्तर लिखते हैं। बच्चे उसे अपनी कॉपी पर उतारते हैं।
- बच्चे कक्षा में पढ़ाई गई सामग्री को याद करते हैं और कक्षा में चीज़ों को रट्टा मारकर सुनाते हैं। इसमें पढ़ाई गई सामग्री को समझने पर ज्यादा जोर नहीं दिया जाता है।
- कक्षा में बच्चों की भागीदारी कम होती है, शिक्षक का नियंत्रण कक्षा पर रहता है।
- बच्चे आमतौर पर स्वयं से ही सीखते हैं।
- क्लासरूम की बैठक व्यवस्था पहले से तय होती है।
- सामने बैठे बच्चों को भागीदारी का ज्यादा मौका मिलता है, बाकी बच्चों को भागीदारी का मौका तुलनात्मक रूप से कम मिलता है।
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