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कविताः सुबह की ठंडी हवा और प्रकृति की मोहक सुंदरता में

आँखों में नींद और लेकर थोड़ा आलस शरीर में,
दो भाई-बहन निकल पड़े हैं सुनसान सी सड़क में|
सुबह की ठंडी हवा और प्रकृति की मोहक सुंदरता में,
दोनों निकल पड़े हैं खाली सड़क पर सुबह की सैर में।

जैसे ही पहला कदम रखा सड़क में,
दिल को छू गया वह नज़ारा और हवा समा गयी मन में।
उड़ते-गाते आज़ाद परिंदे टहल रहे खुले आसमान में,
और वे दोनों अकेले सैर कर रहे सुनसान सड़क में

लोग घरों में बैठे हैं रोशनी के इंतज़ार में,
अंधेरा और रोशनी अडिग हैं अपने इक़रार में।
रोशनी चल पड़ी है सैर-ए-पृथ्वी में,
और अब दोनों भाई-बहन निकल पड़े हैं घर की राह में।।

#रिया (कक्षा 10वीं)
– नानकमत्ता पब्लिक स्कूल

(रिया नानकमत्ता पब्लिक स्कूल मे अध्ययनरत हैं। वह अपनी स्कूल की दीवार पत्रिका के सम्पादक मंडल से जुड़ी हैं। अपने विद्यालय के अन्य विद्यार्थियों के साथ मिलकर एक मासिक अखबार भी निकालते हैं। जश्न-ए-बचपन की कोशिश है बच्चों की सृजनात्मकता को अभिव्यक्ति होने का अवसर मिले।)

1 Comment on कविताः सुबह की ठंडी हवा और प्रकृति की मोहक सुंदरता में

  1. बहुत सुंदर लिखा आपने । आप मेरी साइट भी विज़िट कर लाइक और कमेंट कर बताएं कि मेरा प्रयास कैसा है । और फ़ॉलो करे🙏🙏

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