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ऑनलाइन लर्निंगः ‘हिन्दी की कहानी से मिली अंग्रेजी भाषा के शिक्षण में मदद’

3813783774235769228117165.jpgऑनलाइन टीचिंग करते समय एक बहुत अच्छा व कारगर अनुभव प्राप्त हुआ। मैं बच्चों व साथी शिक्षकों के साथ एक निश्चित समय पर एक से लगभग डेढ़ घण्टे तक व्हाट्सअप ग्रुप में लाइव टीचिंग करते हैं। इस दौरान हम बच्चों को वर्क देते हैं। उनसे विभिन्न प्रकार से उसे हल कराया जाता है।

कभी प्रश्नमंच के रूप में ऑडियो अथवा स्क्रीन पर टाइप करके, कभी नोट बुक में लिखकर और कभी वीडियो के माध्यम से। बच्चे हर प्रश्न का रेस्पॉन्स साथ-साथ देते जाते हैं। यदि कोई बात उन्हें समझ नही आती तो हमारे द्वारा उन्हें ऑडियो के माध्यम से या लिखकर समझा दी जाती है।

एक छोटा सा अनुभव

WhatsApp Image 2020-05-13 at 9.49.19 PMआज स्टडी के समय ग्रुप में सम्मिलित मेरी दोस्त शिल्पी उपाध्याय मैंम द्वारा बच्चों को इंग्लिश की एक स्टोरी दी गयी। मैंने उस कार्य का स्वागत करते हुए बच्चों से उसे पढ़ने हेतु कहा। साथ ही यह भी निर्देशित किया कि मैं आपसे इसके वर्ड मीनिंग पूछूँगी। वर्ड मीनिंग जब पूछने प्रारम्भ किये बच्चों ने बड़ी सहजता से उनका सही उत्तर देना प्रारम्भ कर दिया।

मैंने थोड़ा कठिनाई लेवल बढ़ाते हुए उन्हें पूरी लाइन इंग्लिश में देकर उसका हिंदी अर्थ बताने हेतु कहा। मैं बेहद आश्चर्य में पड़ गयी, जब बच्चों ने वह भी बिलकुल ठीक बता दिया। परिणाम से उत्साहित होकर मैंने बच्चों से एक एक कर पूरी स्टोरी का हिंदी अर्थ पूछ लिया और बच्चों ने बता दिया।

मेरे लिए हर्ष व आश्चर्य का विषय था क्योंकि वह स्टोरी उनकी पाठ्य पुस्तक से नही थी। ना ही उनके माता-पिता इतने पढ़े लिखे हैं जो उनकी सहायता कर देते। मैंने इस पर मनन किया कि बच्चों ने इतनी आसानी से इंग्लिश को हिंदी में ट्रांसलेट कैसे किया। कारण सामने निकलकर आया कि वह खरगोश व कछुए की स्टोरी बच्चे हमेशा से सुनते आ रहे हैं। बच्चों को इंग्लिश का इतना ज्ञान हो चुका है कि उसके आधार पर अपनी सुनी कहानी को को-रिलेट करते हुए उन्होंने आसानी से उसको इंग्लिश से हिंदी में ट्रांसलेट कर दिया।

इससे मैंने निष्कर्ष निकाला कि यदि बच्चों को हिंदी में कहानी के समान किसी भी पाठ्यवस्तु को बताकर उसे इंग्लिश में उसे पढ़ाया जाए तो बच्चा उसे जल्दी समझ पायेगा तथा ग्रहण कर पायेगा। कक्षा 3, 4 व 5 में यह तरीका ज्यादा प्रभावशाली रहेगा। एक बार बच्चे को मजबूत आधार मिल जाये तो जीवन में उसके पिछड़ने की संभावना काफी कम हो जाती है। आशा है कि शिक्षक बच्चों को सिखाने हेतु नित नए व रोचक तरीकों की खोज निरंतर करते रहेंगे।

(परिचयः रीता गुप्ता वर्तमान में सहारनपुर जिले के मॉडल प्राइमरी स्कूल बेहट नंबर-एक में बतौर सहायक अध्यापक काम कर रही हैं। ऑन लाइन शिक्षण के माध्यम से बच्चों तक पहुंचने की कोशिश लॉकडाउन के दौरान कर रही हैं। इसके साथ ही साथ बच्चों को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं ताकि बच्चों की रुचि बनी रहे और ऑनलाइन कक्षाओं में उनकी निरंतरता बनी रहे।)

2 Comments on ऑनलाइन लर्निंगः ‘हिन्दी की कहानी से मिली अंग्रेजी भाषा के शिक्षण में मदद’

  1. Pankaj Panchal // May 14, 2020 at 6:51 am //

    बहुत ही शानदार लिखती है रीता गुप्ता जी👍

  2. Anonymous // May 14, 2020 at 6:31 am //

    Very nice

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