एकलव्य फाउण्डेशन: ‘लाइब्रेरी व रीडिंग’ पर केंद्रित सर्टिफिकेट कोर्स में करें आवेदन
प्रिय साथियो,
नमस्ते !
आप सबके साथ यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि एकलव्य फाउंडेशन ने “लाइब्रेरी और रीडिंग को लेकर एक कोर्स – लाइब्रेरी से दोस्ती – विकसित किया है। एकलव्य फाउंडेशन 40 वर्षों से शिक्षा और शिक्षा में नवाचार का काम कर रही है। इस दौरान एकलव्य ने लाइब्रेरी और रीडिंग को लेकर सरकारी तंत्र और समुदाय, दोनों में ही पढ़ने का माहौल बनाने का सार्थक काम किया है। अपने इन्हीं अनुभवों के आधार पर हमने लाइब्रेरी को एक सक्रिय जगह बनाने और शिक्षकों व कार्यकर्ताओं को लाइब्रेरी से जोड़ने के लिए इस कोर्स को विकसित किया गया है।इस कोर्स में आवेदन की अंतिम तिथि 18 अगस्त 2023 है, अगर आपको यह कोर्स अपने कार्यक्षेत्र में बेहतर काम करने की तैयारी हेतु उपयोगी लग रहा है तो नीचे दिये गये गूगल फॉर्म की लिंक पर क्लिक करके आवेदन कर सकते हैं।
‘लाइब्रेरी से दोस्ती’ कोर्स सरकारी-गैर-सरकारी स्कूल के शिक्षकों, लाइब्रेरी और बच्चों के साथ काम करने वाले कार्यकर्ताओं, लाइब्रेरी के काम में रुचि रखने वाले लोगों के लिए है। इस कोर्स का संचालन एकलव्य फाउंडेशन, भोपाल द्वारा किया जाएगा।
आवेदन के लिए गूगल फॉर्म भरें : “लाइब्रेरी और रीडिंग को लेकर एक कोर्स – लाइब्रेरी से दोस्ती’
पुस्तकालय से दोस्ती
लाइब्रेरी से दोस्ती, जैसा कि कोर्स के नाम से ज़ाहिर है, तीन महीनों के दौरान प्रतिभागियों के लिए न केवल लाइब्रेरी और इसके संचालन की बारीकियों को सामने रखेगा बल्कि लाइब्रेरी में बाल साहित्य के इस्तेमाल के ज़रिये भाषा-शिक्षण की गतिविधियाँ, बच्चों और बचपन को जानना-समझना और साथ ही अपने स्कूल या समुदाय की लाइब्रेरी में काम करके देखने के वे तमाम मौके देगा जिसमें बच्चे पूरी आज़ादी के साथ किताबें पढ़ रहे होंगे, अपने विचार व्यक्त कर रहे होंगे जहाँ शिक्षक व बच्चों के बीच कोई दूरी नहीं होगी।
कोर्स के उद्देश्य
● लाइब्रेरी को एक सक्रिय जगह बनाना
● पढ़ने की आदत विकसित करना
● बच्चे और उनके बचपन को समझना, बच्चों के सीखने की ज़रूरतों को बारीकी-से देखना-समझना
● बाल साहित्य के इस्तेमाल को लेकर नज़रिया विकसित करना
● शिक्षकों, कार्यकर्ताओं को पढ़ने से जोड़ना
● लाइब्रेरी के संचालन के तरीकों को साझा करना
कोर्स की विषय-वस्तु
कोर्स के दौरान इन मुद्दों पर सघनता से काम होगा,
● लाइब्रेरी और पढ़ना: विभिन्न नज़रियों को जानना-समझना
● बच्चे की प्रचलित छवियॉं और बचपन की अवधारणा को समझना
● बाल साहित्य का इस्तेमाल और इनके ज़रिये भाषा सीखने-सिखाने की गतिविधियॉं
● लाइब्रेरी के संचालन से जुड़ी ज़रूरी बातें
कोर्स की भाषा/माध्यम: हिंदी
कोर्स की अवधि: यह कोर्स 3 माह का है। पूरे कोर्स में दो रिहायशी कार्यशालाएँ शामिल हैं – पहली 5 दिन और दूसरी 3 दिन की – कुल 08 दिन। इसके अलावा अन्तराल अवधि में ऑनलाइन मोड में दो वेबिनार होंगे। पूरे कोर्स में आपको तीन असाइनमेंट लिखने होंगे, जिनके लिए प्रत्येक माह में 5-7 दिन का समय देना होगा। इस कोर्स की फीस 10,000 रूपये हैं। इसमें 8 दिवसीय आवासीय कार्यशाला में प्रतिभाग समेत अन्य संसाधनों हेतु सहयोग शामिल हैं। इस कोर्स के बारे में अगर आपकी कोई जिज्ञासा है तो कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।
(आप एजुकेशन मिरर को फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो कर सकते हैं। अपने आलेख और सुझाव भेजने के लिए ई-मेल करें educationmirrors@gmail.com पर और ह्वाट्सऐप पर जुड़ें 9076578600 )
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