शिक्षा के क्षेत्र में ‘नेटवर्किंग’ की नई कहानी लिख रहा है ‘पीएलएन’
दुनिया के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय शिक्षक, शिक्षक-प्रशिक्षक, मनोवैज्ञानिक और शैक्षिक प्रशासन से जुड़े लोग विभिन्न माध्यमों से आपस में जुड़े हुए हैं। वे आपस में विचारों को साझा कर रहे हैं। वे अपने सवाल साझा कर रहे हैं। एक-दूसरे के क्षेत्र में होने वाली शैक्षिक प्रगति के प्रयासों व चुनौतियों को समझने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही समाधान के लिए एक-दूसरे को प्रोत्साहित कर रहे हैं और इस दिशा में सोचने को प्रेरित कर रहे हैं।
शिक्षक-प्रशिक्षकों और शिक्षकों का व्यक्तिगत रूप से दुनिया के विभिन्न हिस्से में मौजूद विचारकों व प्रशिक्षकों से जुड़ना ‘पर्सनल लर्निंग नेटवर्क’ या पीएलन कहा जाता है। (A personal learning network is an informal learning network that consists of the people a learner interacts with and derives knowledge from in a personal learning environment.)
कितना उपयोगी है ‘पीएलएन’?
ट्विटर पर एजुकेटर्स और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए पीएलन एक बेहद लोकप्रिय शब्द है। इस तरह के व्यक्तिगत प्रयासों से ‘बेहतर शिक्षक’ बनने के प्रयासों को गति मिल रही है।
इस तरह के नेटवर्क से जुड़ना और उसका विस्तार करना शिक्षकों को सशक्त बना रहा है और अपने स्तर पर होने वाले प्रयासों की पहचान का माध्यम भी बन रहा है। इन दिनों ट्विटर पर #14DaysOfTeachingLove के नाम से एक कैंपेन चल रहा है, जिसमें शिक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर लोग अपने अनुभव और विचार साझा कर रहे हैं। ऐसा ही एक सवाल है, “आप अपने ट्विटर PLN या पर्सनल लर्निंग नेटवर्क के बारे में क्या पसंद करते हैं?” इस सवाल के जवाब में लोगों की प्रतिक्रिया इस तरह थी:
‘मुझे ट्विटर पीएलएन से मदद, प्रोत्साहन और मित्रता मिली’

लैंग्वेज ऑर्ट्स टीचर लिसा कोड्डिंग सक्रियता के साथ ट्विटर पर अपने विचारों को साझा करती हैं।
लैंग्वेज ऑर्ट्स टीचर लिसा कोड्डिंग लिखती हैं, “मेरी ज़िंदगी ख़ुद को यही समझाते हुए बीत रही थी कि मैं एक शिक्षक बनने के लिए बहुत ज्यादा स्मार्ट नहीं थी। अंततः मैंने हैरानी के साथ सोचना शुरू किया कि अगर मेरे आसपास बच्चे होते और मैं उनको यही बात बताती जो मैं सोचती हूँ। मैंने सोचा कि हो सकता है कि उनको जरूरत है कि मैं उनकी आवाज़ बनूं, इसलिए मैं आगे बढ़ी और एक अन्य डिग्री हासिल के बाद यहाँ हूँ।” (I spent my life telling myself I wasn’t smart enough to be a teacher. Finally I started wondering if there were kids out there that told themselves the same. I thought maybe they needed me to be their voice, so I went and got another degree and here I am #14DaysofTeachingLove)
वहीं एक स्कूल में शिक्षक रोमैन नोवाक लिखते हैं, “अपने ट्विटर पीएलन से मुझे मदद, प्रोत्साहन और मित्रता मिली है। यहाँ ऐसे उत्साही एजुकेटर्स का एक समूह है जो मुझे चुनौती देता है, विकसित होने में मदद करता है, मुझे मुस्कुराने का कारण देता है और मेरी खूबियों को रेखांकित करता है। मेरे ऊपर पर्सनल लर्निंग नेटवर्क (पीएलएन) का काफी गहरा असर पड़ा है, इसने मुझे एक बेहतर इंसान बनने में सहायता की है।”
‘मुझे ट्विटर पीएलएन से मिलने वाली प्रेरणा बेहद प्रिय है’
पर्सनल लर्निंग नेटवर्क के बारे में शैर्लिन लाऊरेली कहती हैं, “मुझे अच्छा लगता है कि मेरे पर्सनल लर्निंग नेटवर्क (पीएलएन) से मुझे बेहतर करने, चुनौतियों का सामना करने और बच्चों के लिए जो बेहतर है उसे करने की प्रेरणा मिलती है।”
इस बारे में लेह कुर्ट्ज कहते हैं, “मुझे अपने ट्विटर पीएलएन से मिलने वाली प्रेरणा बेहद प्रिय है। यहां बहुत सारे लोग हैं जिनकी अंतर्दृष्टि बहुत अच्छी है, जो मुझे विचारों की गहराई में जाकर सोचने और अपने विचारों को स्वीकार करने में मदद करते हैं।”
इस बारे में मेरा व्यक्तिगत रूप से सोचना है कि वैश्विक स्तर पर होने वाली चर्चाओं और शिक्षा पर केंद्रित विमर्श से रूबरू होने का अवसर ट्विटर पीएलन या पर्सनल लर्निंग नेटवर्क से मिलता है। आपने एजुकेशन मिरर पर लंदन में आयोजित साल 2018 के ‘एजुकेशन वर्ल्ड फोरम’ की रिपोर्ट पढ़ी। निश्चित तौर पर इसका श्रेय अपने उन दोस्तों को जाता है जो ट्विटर पर जुड़े हैं और जिन्होंने इस सम्मेलन से जुड़ी जानकारियों को खुद तक सीमित रखने की बजाय साझा किया।
‘बेहतर क्लासरूम की कसौटी शिक्षक की सक्रिय भागीदारी है’
फेसबुक और ट्विटर के लर्निंग नेटवर्क के माध्यम से मुझे व्यक्तिगत तौर पर बहुत से विचारों को समझने में आसानी हुई। शिक्षा क्षेत्र से संबंधित ऐसे ग्राफ़ और चौंकाने वाले आँकड़ों से परिचित होने का अवसर मिला जो इसके बग़ैर संभव नहीं होता। मिशाल के तौर पर आप कुछ अनुवाद पढ़ सकते हैं”
जार्ज गिलग्रिस्ट लिखते हैं, “”बदलाव का मतलब हर बार सुधार या बेहतरी नहीं होता है, लेकिन बेहतरी का मतलब हमेशा बदलाव ही होता है” (By the way, change doesn’t always mean improvement, but improvement always means change.)
डैनी स्टील लिखते हैं, “हम कक्षा-कक्ष में बच्चों के सक्रिय भागीदारी की बड़ी चर्चा करते हैं। मुझे लगता है कि एक बेहतर क्लासरूम की सबसे ख़ास बात शिक्षका की भागीदारी है। बच्चों को अच्छा लगता है, जब उनके शिक्षक सक्रिय, कुछ करते हुए और ऊर्जावान होते हैं। वे साफ-साफ बता सकते हैं कि कौन से शिक्षक ऐसा करते हैं। (We talk a lot about students being engaged. It occurs to me that one of the hallmarks of a great classroom is the TEACHER being engaged. Kids love it when their teacher is active, involved, and energized. And they can tell which ones are really “into it”… and which ones aren’t.)
अनुभवों की साझेदारी और एक-दूसरे से सीखना है महत्वपूर्ण
डैनी एक विद्यालय में प्रिंसिपल हैं, बतौर शिक्षक या शिक्षक प्रशिक्षक या प्रशासनिक अधिकारी हम डैनी की बात से असहमत नहीं हो सकते हैं। हम अपनी आँखों के सामने एक शिक्षक को सक्रियता से साथ कक्षा-कक्ष में बच्चों को मदद करते हुए देखते हैं, मगर हम अपने ऑब्जर्बेशन को इतनी शिद्द के साथ कहीं लिखते नहीं। पर जब कोई लिखता है तो उसे पढ़कर लगता है कि अरे! यही बात तो हम भी सोच रहे थे, नेटवर्किंग इसीलिए बेहद महत्वपूर्ण है।
भारत में भी पर्सनल लर्निंग नेटवर्क की अवधारणा या विचार का सकारात्मक उपयोग हो रहा है, जिसके उदाहरण शिक्षाविदों से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में योगदान करने वाले अन्य महत्वपूर्ण लोगों की सक्रिय भागीदारी और विचार-विमर्श है जिससे अच्छे लोगों को आपस में जु़ड़ने और अभिनव प्रयासों व नये विचारों से जुड़ने का अवसर मिल रहा है। इस संदर्भ में आप भी अपने अनुभव एजुकेशन मिरर के साथ साझा कर सकते हैं, हम सब भी आपस में एजुकेशन मिरर के ‘लर्निंग नेटवर्क’ से जुड़े हुए हैं और शिक्षा के क्षेत्र में अपना-अपना योगदान सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं।
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