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लायब्रेरी

पठन कौशल के विकास में मददगार है लायब्रेरी। भाषा कौशलों का विकास। पढ़ने की आदत। पुस्तकालय का रचनात्मक इस्तेमाल करके बच्चों को कहानियों, कविताओं व गद्य पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। शिक्षकों को भी पुस्तकालय का इस्तेमाल करना चाहिए।

जीवंत और सक्रिय पुस्तकालय: लाइब्रेरी एजुकेटर्स कोर्स (एल.ई.सी.) में करें आवेदन

पराग इनिशिएटिव द्वारा आयोजित लाइब्रेरी एजुकेटर्स कोर्स (एल.ई.सी. ) के 9वें बैच के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं। आवेदन की अंतिम तारीख है 30 अगस्त 2023। [...]

पुस्तकालय को जीवंत व सक्रिय बनाने की सफल रणनीति कैसे बनाएं?

किसी विद्यालय में पुस्तकालय की स्थापना करना बेहद आसान है, लेकिन पुस्तकालय को विद्यालय के एक जीवंत व सक्रिय  बनाना सतत प्रयास और काफी मेहनत से हासिल होने वाला लक्ष्य है। [...]

कोविड-19 के दौर में बच्चों तक पहुंच बना रहे हैं ‘सामुदायिक पुस्तकालय’

शिक्षक और साहित्यकार महेश पुनेठा बिल्कुल सही कहते हैं, "यदि बच्चों को जबरदस्ती किताबों के साथ बैठाने की कोशिश करेंगे तो वे दूर भागेंगे। आप खुद आजमा कर देख लीजिए।" [...]

समुदाय में बच्चों को पुस्तकालय और लिखने-पढ़ने से जोड़ने के लिए कैसे करें प्रयास?

पूरन जोशी वर्तमान में उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। समुदाय के साथ लाइब्रेरी और रचनात्मक लेखन पर उनके काम को पढ़िए इस लेख में। [...]

पुस्तकालय अभियानः ‘बंद स्कूलों के दौर में, खुली किताबों से है उम्मीद’

बंद स्कूलों के दौर में कहानी की किताबों के जादू से बच्चों को परिचित होने का मौका देना उनको रोज़मर्रा के तनाव से मुक्त करेगा। इसके साथ ही साथ उनको फिर से पढ़ने के लिए प्रोत्साहन भी देगा। [...]

कविताः कवि – भवानी प्रसाद मिश्र

एक साक्षात्कार में कवि और लेखक भवानी प्रसाद मिश्र ने कहा था, "एक कवि के रूप में मेरे पास कुछ भी पूर्वनिर्धारित नहीं है। कविता मेरे तईं अभिव्यक्ति नहीं, अनुभव का माध्यम है।" [...]

पुस्तक समीक्षाः सरकारी स्कूलों पर विश्वास बहाली का दस्तावेज है पुस्तक- ‘उम्मीद की पाठशाला’

सफलता की ये कहानियाँ हम शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के लोगों को जरूर प्रोत्साहित करेंगी, सरकारी स्कूलों के गिरते साख को संभालेंगी। [...]

उम्मीद की पाठशालाः ‘सकारात्मक ऊर्जा के वाहक हैं सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक’

सरकारी विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों की प्रेरित करने वाले कहानियों और प्रोत्साहन की संस्कृति को रेखांकित करती हैं, शिरीष खरे कि किताब 'उम्मीद जगाती पाठशाला'। [...]

पुस्तक चर्चाः ‘शिक्षा के सवाल हमारे जीवन के सवाल हैं’

इस किताब के बारे में दीपिका लिखती हैं, "यह पुस्तक हर उस व्यक्ति को पढ़नी ही चाहिए जो पढ़ने लिखने की संस्कृति को बचाए रखने के लिए प्रयास कर रहे हैं।" [...]

पुस्तक समीक्षाः अनारको के आठ दिन

इस पुस्तक की समीक्षा की है मनोहर चमोली  जी ने। इस किताब में अनारको यानि अन्नो के आठ दिन के आठ किस्से हैं। लेकिन मानो उनमें सारी दुनिया आ समाई हो। [...]